राहत अंसारी
सौहार्द एकता भाईचारे का संदेश सभी को देना चाहिए-हाजी शादाब कुरैशी
हरिद्वार, 12 अक्टूबर। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णनम ने कहा कि कुछ लोग इस्लाम को बदनाम करने की नाकाम कोशिश करते है। कहा जाता है कि इस्लाम कट्टरवाद सिखाता है। जबकि इस्लाम कट्टरवाद नही बल्कि इंसानियत का पैगाम देता है। इस्लाम दरियादिली का नाम है। अंजुमन गुलामाने मुस्तफा सोसायटी की ओर से ईद मिलादुन्नबी के उपलक्ष्य में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कल्कि पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम कहा कि उन्हें जितनी खुशी मर्यादा पुरूषोत्तम राम के जन्मोत्सव की होती है। उतनी ही खुशी ईद मिलादुन्नबी की भी है।
उन्होंने कहा पैगम्बर मौहम्मद साहब देश दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। उन्होंने मुहब्बत और इंसानियत की राह दिखाई, जो मजहब मुहब्बत सिखाता हो वो दहशतगर्द नही हो सकता। आचार्य ने कहा कि सियासत हर आदमी को करनी चाहिए, लेकिन खिदमत के लिए ना कि नफरत परोसने के लिए। उन्होंने कहा कि आज हिन्दू मुसलमान होने से पहले एक बेहतर इंसान बनने की। जरूरत है।
आचार्य ने कहा नफरत को नफरत से नही मिटाया जा सकता। सेमिनार में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मौहम्मद साहब की शान में शेर पढ़ते हुए कहा कि गमो से दूर करने की हर इक सौगात लाए है, खुदा शाहिद है वो अनवार की बरसात लाए है, अंधेरे छट गए हर सिम्त रौशन हो गई दुनियां, वो अपने साथ तारों की हसी बारात लाए है। कमेटी के सदर हाजी शफी खान व जनरल सेक्रेटरी हाजी शादाब कुरैशी ने कहा कि पैगंबर मौहम्मद साहब के जन्मोत्सव को लेकर कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मौहम्मद साहब के जीवन दर्शन को प्रचारित प्रसारित करने का काम किया जा रहा है।
सौहार्द एकता भाईचारे का संदेश सभी को देना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह अली एजाज कुद्दुसी साबरी ने मुल्क की अमनोचैन की दुआएं कराई। समारोह की सदारत खानकाह फैजान-ए-वाहिद के सज्जादानशीन मियां सैय्यद फरीद आलम साबरी ने की। अंजुमन के सेकेट्री हाजी शादाब कुरैशी, कलियर प्रभारी गुलशाद सिद्दीकी व रुड़की प्रभारी कुँवर शाहिद कार्यक्रम के संयोजक रहे। बतौर अतिथी के रूप में बरेली नातख्वा हसीब रौनक सकलैनी।
कमेटी के सदर हाजी शफी खान, हाजी रफी खान, हाजी नईम कुरैशी, हाजी मकबूल कुरैशी, अनीस खान, गुलजार अंसारी, शुभान कुरैशी, चैधरी अतीक खान, जमशेद खान, आलम सैफी, मनव्वर कुरैशी ने सभी अतिथीयों का स्वागत किया।