अमरीश
गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए जिला अधिकारी से मिले गुरूनानक देव धर्म प्रचार समिति के पदाधिकारी
हरिद्वार, 9 दिसम्बर। गुरूनानक देव धर्म प्रचार समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने जिला प्रशासन से गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। बृहष्पतिवार को जिला अधिकारी विनय शंकर पाण्डे से मिलने गए समिति के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के निर्देशों पर गठित की गयी समिति में स्थानीय सिख समाज व गुरूद्वारों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग भी की।
जिला अधिकारी से वार्ता के दौरान गुरूनानक देव धर्म प्रचार समिति के संरक्षक बाबा पंडत, अध्यक्ष सत्यपाल सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के निर्देशों के बाद कमेटी का गठन होने पर वर्षो से गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी की स्थापना के लिए आंदोलन कर रहे सिख समाज को समस्या के समाधान की उम्मीद बंधी है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हर की पौड़ी पर गुरु नानक देव के आगमन के इतिहास को संजोए रखने के लिए हरकी पैड़ी कुछ स्थान दिया जाए साथ ही गुरूद्वारा निर्माण के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जिस प्रकार यूपी सरकार को होटल के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी है। उसी तर्ज पर गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी निर्माण के लिए उसके नजदीक भूमि देकर सिख समाज की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया जाए। अलकनंदा होटल से लेकर सीसीआर टावर तक की भूमि उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अंतर्गत आती है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से भूमि सिख समाज को प्राप्त हो सकती है। इस स्थान पर गुरुद्वारा बनने से हरिद्वार आने वाले यात्रीयों के साथ शासन प्रशासन को भी इसका फायदा मिलेगा। गुरूद्वारा स्थापित होने पर बाहर से आने वाले यात्रीयों को ठहरने व भोजन की सुविधा भी सिख समाज की और से निःशुल्क उपलब्ध करायी जाएगी।
उपाध्यक्ष अनूप सिंह सिद्धू ने कहा कि वर्षो से चली आ रही गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी समस्या के समाधान के लिए गठित नयी समिति में सिख समाज के प्रतिनिधि के तौर पर केवल हरजीत सिंह दुआ को शामिल किया गया है।
समिति में गुरूनानक देव धर्म प्रचार समिति सहित स्थानीय गुरूद्वारों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। गुरूनानक देव धर्म प्रचार समिति व समस्त सिख समाज अपनी और से प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। इस दौरान उज्जल सिंह, हरभजन सिंह, बलविंदर सिंह, लाहोरी सिंह, हरभजन सिंह बाजवा, सोनू सिंह, सतपाल सिंह चौहान, सुखदेव सिंह आदि भी शामिल रहे।