कमल खडका
हरिद्वार, 6 अक्टूबर। प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष डा.नीरज सिघल व जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने जिला चिकित्सालय में फैली अव्यवस्थाओं पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से व्यवस्थाओं को दूर करने की मांग की है। डा.नीरज सिंघल ने बताया कि वे एक हड्डी रोगी को लेकर चिकित्सालय पहुँचे। वहां जाकर उन्होंने देखा कि अस्पताल में घोर अव्यवस्थाओं का बोल बाला है। अस्पताल में दो दो हड्डी रोग विशेषज्ञ में से कोई भी अपने कक्ष में उपस्थित नहीं हैं। ग्रामीण एवमं शहरी क्षेत्रो से आए हुए सैकड़ों हड्डी रोग के मरीज इधर से उधर भटक रहे हैं।
कोई भी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं हैं। जबकि पंजीकरण काउन्टर पर मरीज का पंजीकरण करते समय हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जा रहा था। यह स्थिति देखकर प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष डा.नीरज सिंघल व महामंत्री संजय त्रिवाल ने चिकित्सालय के सीएमएस राजेश गुप्ता को फोन किया। उन्होंने बताया कि दोनो हड्डी रोग विशेषज्ञ किन्हीं कारणो से छुट्टी पर हैं। यह सुनकर प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष डा.नीरज सिंघल ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि जब चिकित्सालय में हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं ही नहीं क्यों मरीजों को परेशान किया जा रहा है।
इसका जिम्मेदार कौन होगा। काउन्टर पर हड्डी रोग मरीजों का पंजीकरण ही नहीं करना चाहिए। डा सिंघल ने कहा की यदि तीन दिनो के भीतर जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को ठीक नहीं किया गया तो चिकित्सालय के बाहर प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल धरना प्रदर्शन करेगा डा.सिंघल ने निरीक्षण के दौरान पाया कि चिकित्सालय की अल्ट्रासाउंड मशीन व एक्सरे मशीन सहित अन्य जीवन रक्षक उपकरण बन्द पड़े चारो और गन्दगी का बोल बाला है।
वाहन पार्किंग व्यवस्था भी ठीक नहीं हैं एम्बुलेंस भी जर्जर हालत में हैं। वही दूसरी ओर जिला महामंत्री प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल संजय त्रिवाल ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि कोरोनाकाल में केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड सरकार को करोड़ों रुपए भेज रही है। अस्पताल की यह स्थिति तब है जब चिकित्सा एवमं स्वास्थ्य जैसा महत्वपूर्ण विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है।
जब हरिद्वार शहर के बीचो बीच स्थित चिकित्सालय ही बीमार हैं तो यह बीमार नागरिकों का इलाज कैसे करेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो राज्य सरकार उत्तरी हरिद्वार में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने का लालीपाॅप जनता को दे रही है। वहीं मुख्य चिकित्सालय की स्थिति इतनी खराब है। प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल मुख्यमंत्री एवमं जिलाधिकारी से मांग करता है कि जांच कमेटी बनाकर चिकित्सालय में फैली घोर अव्यवस्थाओं की जांच करवाए।