धर्म व संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरूकुलों की स्थापना की जाए-बाबा बंशी वाले

Dharm
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राहत अंंसारी

हरिद्वार, 30 जून। धर्म के मार्ग पर चलने वालों की हमेशा विजय होती है। क्योंकि ईश्वर की शक्ति से बड़ी संसार में और कोई शक्ति नहीं है। उक्त उद्गार भूपतवाला स्थित अन्नपूर्णा आश्रम के परमाध्यक्ष बाबा बंशी वाले महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संतो का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है और संत महापुरूष सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा कि वर्तमान में संपूर्ण संसार विपत्ति के दौर से गुजर रहा है। लेकिन परिस्थितियां कैसी भी हों। व्यक्ति को अपना मनोबल सदैव ऊंचा रखना चाहिए। किसी भी महामारी को लड़कर व संगठित होकर ही हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब भी देश पर कोई विपत्ती आयी है तो संतों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाकर देश व समाज की सेवा की है। संत अपने प्रवचनों के माध्यम से सदैव ही समाज को मानव सेवा की प्रेरणा देकर धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के लिए प्रेरित करते हैं। जिससे आज की युवा पीढ़ी उच्च संस्कारों को ग्रहण कर पाश्चात्य संस्कृति का त्याग कर रही है। गुरूकुल परंपरा के माध्यम से भारत का पूरे विश्व में एक अलग स्थान रहा है। आज देश को आवश्यकता है कि संस्कृत व संस्कृति का संरक्षण संवर्द्धन करने के लिए अधिक से अधिक गुरूकुलों की स्थापना की जाए।

जिससे आने वाली पीढ़ी भारतीय इतिहास और ऋषि परंपरा को जान पहचान कर भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन करे। उन्होंने युवा संतों से अपील करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी में सुसंस्कारों का संचार कर उन्हें धर्म की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के लिए प्रेरित करें। क्योंकि धर्म की रक्षा से ही भारत की एकता और अखण्डता को कायम रखा जा सकता है। उन्होंने सभी देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाईन का पालन अवश्य करें। ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

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