कोरोना से जंग लड़ रहे सफाई सैनिकों को उपलब्ध कराए जाएं सुरक्षा उपकरण-राकेश लोहट

Haridwar News
Spread the love

अमरीश

हरिद्वार, 25 मई। भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) के पूर्व राष्ट्रीय प्रचार मंत्री व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राकेश लोहट ने कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में उल्लेखनीय योगदान कर रहे सफाईकर्मी को अपेक्षित सम्मान व महत्व नहीं मिल रहा है। प्रैस को जारी बयान में राकेश लोहट ने कहा है कि सफाईकर्मी ऐसे सैनिक हैं, जो दिखाई तो हर जगह देते हैं, पर उन्हें अपेक्षित महत्त्व और सम्मान नहीं मिल पा रहा है।

कोरोना के खिलाफ डटकर खड़े इन योद्धाओं को मास्क, स्पेशल पीपीई किट, आधुनिक सफाई यंत्र और विशेष सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं। आज भी सफाईकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर नालों व सीवर मैनहोल में उतर कर सफाई कर रहे हैं। अपने जीवन को संकट में डालकर बिना किसी बचाव के साधनों के अपने कार्य में जुटे इन सफाईकर्मियों की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं है। अस्पतालों में भी सबसे पहली पंक्ति में सफाईकर्मी ही खड़े होते हैं। इनके बाद नर्सिंग स्टाफ और बाद में डॉक्टर होते हैं। नर्सिंगकर्मी और डॉक्टर पीपीई किट, मास्क, दस्ताने आदि सुरक्षा उपकरणों के साथ मरीज से संपर्क करते हैं। लेकिन सफाई कर्मचारी एक साधारण से मास्क के साथ गंभीर परिस्थिति में भी कोरोना मरीजों के आस-पास रहकर उनका पूरा ध्यान रखते हैं। कोरोना पीड़ितों की मृत्यु होने पर जब परिवार के सदस्य भी शव को हाथ लगाने से डर रहे हैं।

ऐसे में सफाईकर्मी शव को एंबुलेंस में रखने के साथ दाह संस्कार के लिए भी लेकर जाते हैं। सफाई कर्मचारी बिना डरे सुबह से शाम तक कोरोना से युद्ध लड़ रहे हैं। राकेश लोहट ने कहा कि क्या सफाईकर्मियों को आधुनिक यंत्रों और सुविधाओं के साथ इस युद्ध में नहीं भेजा जा सकता। यदि वे आधुनिक यंत्रों के साथ इस महामारी के खिलाफ युद्ध में उतरेंगे, तो खुद भी सुरक्षित रहेंगे और सभी को सुरक्षित रखेंगे। एक आधुनिक सुरक्षा घेरे के साथ-साथ उसे समाज में सम्मान और सहयोग भी मिलना चाहिए। सफाईकर्मी हम सभी के स्वास्थ्य के आधार स्तंभ हैं।

ये सड़कों, गलियों, नालियों, कचरा स्थलों, अस्पताल, मुर्दाघर ही नहीं, श्मशान स्थल पर भी काम करते नजर आते हैं। वे हमारे स्वास्थ्य के लिए हर क्षेत्र को स्वच्छ बनाने में लगे रहते हैं। विडंबना यह कि इनको समाज में कभी भी वह सम्मानजनक स्थान नहीं दिया गया है, जिसके वे हकदार हैं। इनके स्वास्थ्य शिक्षा, आवास, पोषण आदि पर भी कोई विशेष योजना बनाकर कार्य कभी नहीं किया जाता। देश, समाज और हर परिवार को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए सफाईकर्मी जी-जान से जुटे हैं। इसलिए इनके प्रति सहृदयता रखकर इनका मनोबल बढ़ाना चाहिए।

इनके साथ संवेदनशील व्यवहार होना चाहिए। साथ ही इन्हें आधुनिक सुरक्षा साधन उपलब्ध कराने होंगे। उनके परिवारजनों के लिए सार्थक योजनाएं बनानी होगी, ताकि इस महामारी या फिर आने वाली किसी भी आपदा में उनका मनोबल बना रहे। कोरोना की विकट स्थिति में भी सफाईकर्मी जिस तरह से काम कर रहे हैं। उनको सफाई सैनिक का दर्जा देना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *