संत महापुरूषों को गुरू परंपरांओं का निर्वहन करना चाहिए-महंत दयानंद मुनि

Haridwar News
Spread the love

ब्यूरो


हरिद्वार, 29 मई। उदासीन संगत फुलवारी शरीफ पटना बिहार के महंत दयानंद मुनि ने प्रैस क्लब में आयोजित प्रैसवार्ता के दौरान कहा कि गुरू परंपरांओं का निर्वहन संत महापुरूषों का करना चाहिए। संविधान के विपरीत कार्यो से संतों की गरिमा को भी ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि गुरू परंपरांओं का निर्वहन शिक्षित संत ही बेहतर तरीके से कर सकते हैं। आश्रम मठ मंदिरों को लेकर देश भर में संतों की हत्याएं होना चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि कुछ भूमाफिया आश्रम अखाड़ों की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने की नीयत से अपना संरक्षण संत समाज को दे रहे हैं।

मठ मंदिरों एवं आश्रम अखाड़ों के संरक्षण संवर्द्धन के प्रयास सभी को मिलजुल कर करने होंगे। कुछ लोग षड़यंत्र के तहत गुरू परंपरांओं में विघ्न डाल कर परंपरांओं को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है। संविधान सभी को मानना चाहिए। संत महापुरूषों की हत्याएं तत्काल बंद होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो लोग भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं। उनका खुलकर विरोध किया जाना न्याय संगत हैं। संत समाज सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे। स्वार्थ की परंपरांओं को त्यागना होगा। आश्रम, मठ, मंदिरों का संरक्षण संवर्द्धन किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *