तनवीर
हरिद्वार, 24 फरवरी। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और मेला प्रभारी श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए नागा संन्यासियों का होना बहुत जरूरी है। अखाड़े के सिद्ध सन्यासी श्रीमहंत रामवन के निरंजनी अखाड़े पहुंचने पर श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व अपर मेला अधिकारी ने फूलमालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया। कुंभ मेले में शामिल होने हरिद्वार आए सिद्ध संत नागा सन्यासी श्रीमहंत रामवन ने अखाड़े में कन्यापूजन कर कुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की कामना की।
श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि नागा संन्यासियों का हरिद्वार पहुंचना प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को अखाड़े के संतों की जमात एसएमजेएन कॉलेज मैदान में बनी छावनी में पहुंचेगी। अखाड़ा में कन्या पूजन कर कार्यक्रमों की शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि श्रीमहंत रामवन अखाड़ा के सिद्ध महात्मा है। उन्होंने आजीवन वस्त्र नहीं पहने हैं। देशभर में 50 से अधिक मंदिर उन्होंने बनवाये हैं। जिस स्थान पर जाते हैं, वहां ज्यादा दिन नहीं रुकते है।
दूसरे स्थान पर तपस्या के लिए निकल जाते हैं। कभी पक्के मकान में निवास नहीं करते। हमेशा तंबू में ही रहकर अपनी तपस्या की है। कहा कि नागा सन्यासियों का उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। नागा सन्यासी भगवान शिव की तरह ही अपने शरीर पर भभूत आदि लगाकर रहते हैं। श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा के साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए संत समाज ने हमेशा अपना योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि सभी नागा सन्यासी एसएमजेएन कॉलेज स्थित छावनी में पहुंचना शुरू हो गये हैं।
जिसके बाद बृहस्पतिवार को जमात निकाली जायेगी। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की 3 मार्च को निकलने वाली पेशवाई में उत्तराखंड की कुमाऊं और गढ़वाल की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इस दौरान एसएमजेएन कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी संगीतमय प्रस्तुतियां देंगे। अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि रमता पंच आज पहुंच जाएंगे। इसके लिए सभी व्यवस्था कर ली गई है। इस अवसर पर श्रीमहंत मनीष भारती, श्रीमहंत नरेश गिरी, श्री महंत राधे गिरी, गंगा गिरि, नीलकंठ गिरी, राजगिरी, आनंद गिरि, राजेंद्र भारती, राकेश गिरी, रतन गिरी, दिगंबर विनोद गिरी, महेश गिरी, अनुज पुरी, नीतीश पुरी, सौरव गिरी, आनंद अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती आदि उपस्थित रहे।