गौरव रसिक
हरिद्वार, 18 अक्टूबर। विभिन्न मौहल्लों से निकल रहे बडे़ गंदे नाले की सफाई नियमित रूप से ना होना लोगांे के लिए समस्या का कारण बना हुआ है। ज्वालापुर कड़च्छ के कई मौहल्लों से गंदा नाला रिहायशी क्षेत्रों से होकर गुजर रहा है। नाले में बहुत ज्यादा कूडा करकट फैला रहता है। गंदे नाले की सड़न बदबू से लोगांे का अपने घरों मे रहना भी मुश्किल हो चला है। रात दिन घरों के अंदर तक गंदे नाले मे पडी गंदगी लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। क्षेत्र के लोग सक्रामक रोगो की चपेट में आ रहे है।
बकरा मार्किट का बुरा हाल हो रहा है। भारी संख्या मे कूडा नाले मे एकत्र हो गया है। नगर निगम के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नही दे रहे है। नाले के आसपास रहने वाले लोग पलायन करनें को मजबूर हो रहे है। कई लोग तो नाले की गंदगी के कारण अपने मकान तक बेच चुकें है। रिहायशी क्षेत्रों से निकल रहे गंदे नाले को बंद करने की मांग भी लोगो द्वारा की जा रही है। क्षेत्र निवासी दिनेश पुंडिर, संदीप गौड का कहना है कि नगर निगम के कई वार्डो से होकर गुजर रहा गंदा नाला बीमारियों का कारण बना हुआ है। निगम के पास नाला गैग होते हुए भी नाले की सफाई नियमित रूप से नही हो पा रही है।
साल मे एक बार ही गंदे नाले की सफाई होती है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि आसपास के लोग ही गंदे नाले मे अपने घरों का कूडा फेक रहे है। जिन कारणों से नाले मे गंदगी एकत्र हो जाती है। सडन बदबू से घरों मे निवास कर रहे लोगो के लिए मुसीबत का सबसे बडा कारण बना हुआ है। उन्होंने मांग की कि या तो नाले को बंद किया जाए या फिर नाले की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए। तभी क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सकती है। बहुत बडी संख्या मे नाले के आसपास लोग निवास करते है। डेंगू के फैलने की सम्भावनाओे से भी इनकार नही किया जा सकता है। नाले के अंदर मृत जानवरों को भी फेंक दिया जाता है। भेल से निकाला गया यह नाला क्षेत्र निवासियों के लिए नासुर बना हुआ है।