नोटिस भेजे जाने पर धर्मशाला प्रबंधकों ने बैठक कर जताया विरोध

Haridwar News Uttarakhand
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अमरीश

हरिद्वार, 16 मार्च। राष्ट्रीय धर्मशाला सुरक्षा समिति और क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंध समिति की निष्काम ट्रस्ट भूपतवाला में हुई बैठक में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धर्मशालाओ और आश्रमों को भेजे जा रहे नोटिसो को लेकर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रुड़की के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र सिंह कठैत के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया।

बैठक को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंधक समिति के अध्यक्ष गोपाल सिंघल और राष्ट्रीय धर्मशाला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष महेश गौड़ ने कहा कि हरिद्वार की धर्मशालाएं और आश्रम उत्तर प्रदेश के समय से ही पूर्णतः कर मुक्त रहे हैं। उत्तराखण्ड सरकार ने भी आश्रम और धर्मशालाओं को न्यूनतम करारोपण की स्थिति में रखा हुआ है। लेकिन उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रुड़की द्वारा पिछले 3 महीने से धर्मशालाओ और आश्रमों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और बिजली, पानी, सीवर कनेक्शन तक काटने की धमकी दी जा रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 1987 के अपने आदेश में हरिद्वार की धर्मशालाओ और आश्रमों को पूर्णतः कर मुक्त रखा गया है। धर्मशाला सुरक्षा समिति के महामंत्री विकास तिवारी और क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंधक समिति के महामंत्री अवधेश कुमार ने कहा हरिद्वार की धर्मशालाएं और आश्रम मात्र व्यवस्था शुल्क पर तीर्थ यात्रियों को आश्रय उपलब्ध कराते हैं। धर्मशालाएं और आश्रम पूर्व से ही सीवर टैक्स, गृह कर, बिजली का कमर्शियल बिल और पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन जैसे करारोपण से युक्त हैं। इसके बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दायरे में धर्मशालाओं को लाना न्याय संगत नही है।

सभी धर्मशालाओं के सीवर कनेक्शन सीवर लाइनों में जुड़े हुए हैं। धर्मशालाएं किसी प्रकार के प्रदूषण नियंत्रण की परिधि में नहीं आती हैं और ना ही किसी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि में लिप्त हैं। इसलिए इस काले कानून को तुरंत निरस्त किया जाना हरिद्वार के हित में अत्यंत आवश्यक है। बैठक में पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने धर्मशाला और आश्रम प्रबंधकों तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का पक्ष सुना और दूरभाष पर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आनंदवर्धन से वार्ता की। वार्ता मे तय हुआ कि फिलहाल प्रदूषण विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए और अगले 3 दिनों में धर्मशाला समिति का 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल देहरादून जाकर आनंदवर्धन से मिलेगा और लिखित जानकारी देगा। इस पर सभी प्रबंधकों ने अपनी सहमति जताई। बैठक की समाप्ति पर शहरी विकास मंत्री माननीय मदन कौशिक ने धर्मशाला प्रबंधको को आवश्यक किया कि उनका शोषण नहीं होने दिया जाएगा और धर्मशालाओं के हित में जो उचित होगा वह निर्णय लिया जाएगा।

बैठक का संचालन श्याम सुंदर शर्मा ने किया। बैठक में रामअवतार शर्मा, लक्ष्मी दत्त चिलकोटी, चंद्र प्रकाश शर्मा, रमेश भाई ठाकर, श्रीनिवास पांडे, गौरव भारद्वाज, प्रभात कौशिक, स्वामी सत्यानंद गिरी, महेंद्र शर्मा, अमित शर्मा, हेम नारायण, दिनेश शर्मा, प्रदीप शर्मा, भूपेंद्र कुमार, भगवान प्रसाद त्रिखा, संजय शर्मा, शिवकुमार शर्मा, घनश्याम सांखला, लक्ष्मी प्रसाद त्रिपाठी, महंत श्याम पुरी, पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा, विनीत जौली, अनिरुद्ध भाटी आदि उपस्थित रहे।


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