एस.एस.एम.जे.एन काॅलेज में किया विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन

Haridwar News
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राहत अंसारी


विधिक साहित्य उपलब्ध होना नितान्त आवश्यक- श्रीमहंत रविन्द्र पुरी
हरिद्वार, 30 अप्रैल। एस.एस.एम.जे.एन. काॅलेज में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशानुसार निःशुल्क विधिक सहायता के समुचित प्रचार-प्रसार हेतु विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज, मुख्य अतिथि सिविल जज अभय कुमार सिंह, कालेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा, रश्मि पन्त, शालिनी बड़ोनी ने सरस्वती वंदना तथा द्वीप प्रज्जवलित कर शिविर का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि विधिक साक्षरता एवं जागरुकता के प्रसार प्रचार के लिए आवश्यक साहित्य उपलब्ध होना नितान्त आवश्यक है। कानूनी साक्षरता विषयक पुस्तिकायें तथा पत्रिकायें प्रकाशित कर नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित कर जनता में कानूनों के प्रति जागरुकता तथा रुचि उत्पन्न की जा सकती है।
मुख्य अतिथि एवं सचिव विधिक जागरुकता सिविल जज अभय कुमार सिंह ने जिला विधिक प्राधिकरण के बारे में जानकारी दी और बताया कि प्राधिकरण गरीबों को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराता है। इसके लिए उन्हें एक अर्जी प्राधिकरण के कार्यालय में देनी होती है। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम द्वारा असहाय और निर्बल वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रयास किया गया है। श्री सिंह ने अपने सम्बोधन में महिला हिंसा, महिला एवं बाल उत्पीड़न, बालश्रम, साईबर क्राईम तथा पाॅक्सो की विस्तृत जानकारी दी।
सहायक समाज कल्याण अधिकारी शालिनी बडोनी ने शिविर में कानूनी जानकारी तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छात्रों का योगदान समाज में निराश्रितों के जीवन को नये आयाम दे सकता है। उन्होंने स्वतः रोजगार योजना के विषय में भी छात्र-छात्राओं को जानकारी दी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को कैरियर से सम्बन्धित जानकारी देते हुए अपील की कि अध्ययन के साथ-साथ उन गतिविधियों में भी हिस्सा ले जिनसे उनका आत्मविश्वास बढ़े। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में आप अपनी दक्षता को विकसित कर सकते हैं, जो क्षेत्र आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे, उसमें विशेषज्ञों की सलाह लेकर अपना कौशल बढ़ाकर, आसानी से कामयाबी प्राप्त कर सकते हैं।
एआरटी सुश्री रश्मि पंत ने सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी देते हुए छात्र-छात्राओं से 18 वर्ष की आयु के बाद वाहन चलाने की अपील की। उन्होंने हेलमेट पहनने एवं बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ी नहीं चलाने की सलाह छात्र छात्राओं को दी.
एसआई सुश्री अनिता शर्मा तथा एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट के राकेश कुमार ने संयुक्त रुप से कहा कि इस प्रकार के शिविरों का आयोजन न्याय पालिका का सक्रिय एवं प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने कहा कि नियम कानून हमारी सहूलियत के लिए बनाये गये हैं, इसलिए हमें इनका कड़ाई से पालन करना चाहिए। उन्होंने एस.एम.जे.एन. काॅलेज द्वारा भिक्षा नहीं शिक्षा कार्यक्रम एवं अन्य जागरुकता शिविरों की भी प्रशंसा की।

काॅलेज के पूर्व छात्र अधिवक्ता रमन सैनी एडवोकेट ने नशे से सम्बन्धित कानून के बारे में बताया कि नशा व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर करता है और नशे से मुक्त होने के लिए परिवार एवं सहयोगियों का सहयोग होना जरूरी है। उन्होंने अपील की कि वे विधिक अधिकारो के प्रति जागरुक हों व दूसरों को भी इसके लिए जागरुक करे। काॅलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं में जन-जागरूकता उत्पन्न होती है तथा विधिक जानकारी प्राप्त होने पर वे सही मार्ग पर चलने के लिए अग्रसर होते हैं व दूसरों का भी उचित मार्गदर्शन करते हैं। डा.बत्रा ने कहा कि वर्तमान में विधि के समाजीकरण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, ताकि कानूनी शिक्षा अधिक उपयुक्त एवं व्यावहारिक हो सके।
कार्यक्रम का संचालन डा.संजय कुमार माहेश्वरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर अंजना सैनी, सुनील कुमार, डा.जे.सी. आर्य, विनय थपलियाल, डा.सुषमा नयाल, डा.आशा शर्मा, डा.मोना शर्मा, वैभव बत्रा, रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, सुगन्धा वर्मा, डा.विनीता चैहान, आस्था आनन्द, पदमावती तनेजा, डा.पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना, डा.प्रज्ञा जोशी, डा.विजय शर्मा सहित काॅलेज के अनेक शिक्षक व छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहें।

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