पर्वतीय जिलों में प्राधिकरण समाप्त करने का सरकार का निर्णय भेदभावपूर्ण-अम्बरीष कुमार

Haridwar News
Spread the love


तनवीर

हरिद्वार, 31 जनवरी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने पर्वतीय जिलों में प्राधिकरण समाप्त किए जाने के सरकार के निर्णय को मैदान विरोधी करार दिया है। प्रैस को जारी बयान में अम्बरीष कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि पर्वतीय जिलों में प्राधिकरण समाप्त किए जाएंगे। सरकार का यह निर्णय भेदभाव पूर्ण और मैदान विरोधी है। पूरा प्रदेश एक है और उत्तराखंड इसका नाम है, तो फिर यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है। गैर पर्वतीय जिलों में प्राधिकरणों का दायरा शहरों से बढ़ाकर गांव तक कर दिया गया है।

इस प्रकार भ्रष्टाचार का फैलाव गांव तक हो गया है। हरिद्वार विकास प्राधिकरण की स्थापना को लगभग 34 वर्ष हो गए हैं और नियोजित विकास के नाम पर अनियोजित और अनियंत्रित विकास हो रहा है। स्वीकृत आवासीय कॉलोनी या कॉम्प्लेक्स मुट्ठी भर है और प्राधिकरण की मिलीभगत से अनाधिकृत कॉलोनी व्यापारिक प्रतिष्ठानों की बाढ़ आ रही है। महायोजना के नाम पर मात्र खानापूर्ति हो रही है। प्राधिकरणो के कानून और नियमों के चलते मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोग परेशान हैं। इस परेशानी का लाभ प्राधिकरण के लोग उठा रहे हैं।

लूट का यह साधन स्थानीय स्तर पर राजनैतिक भागेदारी न होने के कारण स्वेच्छाचारी हो गया है। प्राधिकरण के लोग नियमों को तोड़ मरोड़ कर अपने हित में भ्रष्टाचार के लिए प्रयोग कर रहे हैं। हरिद्वार के एक तरफ गंगा बहती है। दूसरी तरफ शिवालिक पर्वत है। ऐसे में प्राधिकरण के नियमों का पालन संभव नहीं और इसका लाभ प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी उठाते हैं। कांग्रेस जल्द ही प्राधिकरण समाप्त कर स्थानीय निकाय को मानचित्र स्वीकृति करने तथा कुंभ आयोजनों से जुड़े मामलों को लेकर सत्याग्रह आंदोलन करेगी। यदि सुनवाई नहीं हुई तो जिला स्तर पर आंदोलन चलाया जाएगा। सरकार अविलंब प्राधिकरण समाप्त कर जनता को राहत प्रदान करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *