वैष्णों देवी करती हैं भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 27 मार्च। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में शास्त्री नगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के षष्टम दिवस पर कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने मां वैष्णो देवी की कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि जम्मू क्षेत्र के कटरा गांव में एक श्रीधर ब्राह्मण रहते थे। जिनकी संतान नहीं थी। संतान प्राप्ति के लिए नवरात्रि में मां भगवती की पूजा किया करते थे। नवमी के दिन कन्या पूजन वैष्णवी नाम की एक कन्या ने श्रीधर से कहा कि संपूर्ण गांव को भंडारा प्रसाद के लिए आमंत्रित करो। तुमको अवश्य संतान प्राप्त होगी।

श्रीधर ने उस कन्या से कहा मेरे पास तो किसी को खिलाने के लिए कुछ भी नही है। वैष्णवी ने कहा कि सारी व्यवस्था मैं कर दूंगी तुम जाकर निमंत्रण दो। उस कन्या के कहने पर श्रीधर ने सब को निमंत्रण दिया। श्रीधर के निमंत्रण पर संपूर्ण गांववासी भंडारा प्रसाद पाने के लिए श्रीधर के घर पर आए। भंडारा प्रसाद चल रहा था कि बाबा भैरवनाथ नामक एक संत वहा पहुंच गए। जो भंडारे में मांस एवं मदीरा की मांग करने लगे। वैष्णवी के समझाने पर भी नहीं समझे। वैष्णवी को बाबा भैरव पकड़ने जा रहे थे तो वैष्णवी भाग कर त्रिकूट पर्वत की एक गुफा में चली गई। पीछे पीछे भैरव भी वहां पहुंच गया। तभी वैष्णवी ने वहीं पर काली का रूप धारण करके भैरव का वध किया।

श्रीधर भी वहां पहुंच गए और मां की प्रार्थना करने लगे। तभी वैष्णवी ने मां काली, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती तीन रूप में प्रकट हो कर श्रीधर को दर्शन दिया और कहा कि आज से जो भी मेरे इन तीनों रूपों का पूजन करेगा। मैं उसकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करूंगी। तभी से मां काली, मां लक्ष्मी एवं मां सरस्वती के रूप में मां वैष्णो देवी में विराजमान हैं। मां की कृपा से श्रीधर को संतान सुख मिला। शास्त्री ने बताया जो भी नवरात्रि में मां वैष्णो देवी की पूजा करता है। मां वैष्णो देवी उसकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करते हुए संतान सुख प्रदान करती हैं। इस अवसर पर मुख्य जजमान मनीष श्रीवास्तव, पुष्पा श्रीवास्तव, संजय सचदेवा, बीना सचदेवा, आदेश शर्मा, नीति शर्मा, पार्षद राजेंद्र कटारिया, प्रमिला गुप्ता, विनायक गुप्ता, अरुण सिंह राणा, सुभाष ग्रोवर, बीना धवन आदि ने श्रीमद् देवी भागवत महापुराण का पूजन किया।

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