महान सिद्ध महापुरूष थे बाबा कामराज-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी

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विक्की सैनी

हरिद्वार, 28 मई। श्री दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि नील पर्वत की तलहटी के कजरी वन गंगा की नीलधारा के तट पर स्थित दस महाविद्याओं में प्रथम सिद्धपीठ मां दक्षिण काली मंदिर की स्थापना करने वाला बाबा कामराज एक सिद्ध महापुरूष थे। मंदिर में पूजा अर्चना तथा दर्शनों के लिए आने वाले आने वाले श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी सहज प्राप्त होता है।

स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि बाबा कामराज की 323वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को मंदिर में विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। प्रतिवर्ष धूमधाम से आयोजित किए जाने वाले जयंती समारोह को कोरोना वायरस के चलते इस वर्ष सूक्ष्म रूप से ही आयोजित किया जाएगा। अनुष्ठान के दौरान देश दुनिया को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए विशेष प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाबा कामराज अनेक सिद्धियों के ज्ञाता तथा महान पुरूष थे।

बाबा तोतापुरी महाराज, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, वामाखेपा महाराज, बाबा नागपाल, स्वामी दतियावाले महाराज, स्वामी दतियावाले जैसे अनेक सिद्धपुरूषों को बाबा कामराज महाराज ने दीक्षित किया। बाबा कामराज महाराज ने अंतिम दीक्षा आल्हा को दी। बाबा कामराज द्वारा स्थापित श्री दक्षिण काली मंदिर की महिमा ऐसी है कि चमत्कार भी यहां नमस्कार करते हैं। कोई व्यक्ति कितना ही परेशान क्यों न हो, मंदिर में आकर असीम शांति का अनुभव करने लगता है।

श्री दक्षिण काली मंदिर में आने वाले प्रत्येक साधक को माई की कृपा के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। मंदिर में आने वाले साधक को मां दक्षिण काली व बाबा कामराज से कुछ मांगना नहीं पड़ता, साधक द्वारा निश्छल भाव से की गयी आराधना से ही मां दक्षिण काली व बाबा कामराज की कृपा से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं तथा सुख व समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दौरान स्वामी राधाकांताचार्य, स्वामी अनुरागी महाराज, स्वामी लालबाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, पंडित शिवकुमार शर्मा, अंकुश शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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