विक्की सैनी
हरिद्वार, 30 अप्रैल। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद महाराज ने कहा कि वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथी पर गंगा स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्त हो जाता है। गंगा सप्तमी के अवसर पर श्री दक्षिण काली घाट पर गंगा पूजन करने के उपरांत म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां गंगा की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है। वैसे तो गंगा स्नान का हमेशा ही विशेष महत्व है। लेकिन गंगा सप्तमी पर गंगा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। जीवनदायिनी, पुण्यसलिला, मोक्षदायिनी गंगा में स्नान, दर्शन और स्मरण मात्र से ही मोक्ष प्राप्त हो जाता है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। सभी पापों का क्षय होता है। सप्तमी पर गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
विधि-विधान से किया गया गंगा पूजन अमोघ फल प्रदान करता है। कपिल मुनि के श्राप से भस्म हुए राजा सगर के साठ हजार पुत्रों के उद्धार के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुई मां गंगा मोक्षदायिनी व कल्याणकारी है। युगों युगों से कलकल बह रही मां गंगा भारत की जीवन रेखा है। इस अवसर पर स्वामी राधाकांताचार्य, स्वामी अनुरागी महाराज, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, पंडित शिवकुमार शर्मा, स्वामी लालबाबा, स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी, अंकुश शुक्ला, बालमुकुन्दानंद ब्रह्मचारी आदि मौजूद रहे।