तनवीर
हरिद्वार, 20 मार्च। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की चंडीघाट नीलधारा स्थित छावनी में भूमि पूजन पर विधि विधान से धर्म ध्वजा स्थापित की गई। जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, अग्नि अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज आदि संतों की उपस्थिति में पहले भूमि पूजन हुआ। इसके बाद विधि विधान से हर हर महादेव के जयघोष के साथ धर्म ध्वजा की स्थापना की गई।
इस अवसर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि भगवान गणेश का पूजा अर्चना कर भूमि पूजन के साथ धर्मध्वजा की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि 29 मार्च से 28 अप्रैल तक चैत्र माह चलेगा। इसलिए चैत्र माह प्रारंभ होने से पहले शारदा पीठ के शिविर का निर्माण शुरू किया गया है। कार्य शीघ्र पूरा हो जायेगा। उन्होंने बताया कि 26 मार्च को जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज कनखल स्थित आश्रम में पहुंच जायेंगे। 8 अप्रैल को मंगल प्रवेश यात्रा करते हुए छावनी में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भण्डारे का आयोजन होगा तथा चंडी एवं हरिहर महायज्ञ अनुष्ठान किया जायेगा। भूमि पूजन के दौरान नगर निगम हरिद्वार की महापौर अनिता शर्मा ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया। उन्होंने महापौर को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, महामंडलेश्वर उमाकांत शाश्वत महाराज, ब्रह्मचारी रामानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी सहजानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी मुकुंदानंद सरस्वती, प्रवेशानंद ब्रह्मचारी, महंत ऋषिश्वरानंद महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत दुर्गादास, पंडित अधीर कौशिक, आचार्य पवन शास्त्री, सीताराम, प्रवीण नौटियाल, प्रकाश उपाध्याय, मोतीराम चंद्र, एनके चतुर्वेदी, हेमंत तोषाश्वर, बृजेंद्र, प्रभा द्विवेदी, आत्माराम, दीपक आदि उपस्थित रहे।
फोटो नं.6-धर्मध्वजा स्थापना के दौरान मौजूद संतगण