प्रेम और समरसता का पर्व है होली- श्रीमहंत रविंद्रपुरी

Haridwar News
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तनवीर


हरिद्वार, 17 मार्च। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि होली प्रेम और समरसता का पर्व है। होली के रंग हमें एक दूसरे से मिलजुल कर रहने का संदेश देते हैं। रंगों के पर्व होली की शुभकामनाएं देते हुए मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि होली का पर्व प्रति वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है।

होली से ही बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि पुराणों के अनुसार प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नामक एक असुर भगवान विष्णु का कट्टर शत्रु था, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का सबसे बड़ा भक्त था। हिरण्यकश्यप ने उसे मारने की योजना बनाई और अपनी बहन होलिका जिसे आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था, उसके साथ मिलकर प्रह्लाद को मारने का निश्चय किया।

होलिका प्रह्लाद के साथ अग्नि में बैठ गई। लेकिन आग की लपटों से झुलस होलिका की ही मृत्यु हो गई और प्रह्लाद बच गए। होली के पर्व से जुड़ी यह पौराणिक कथा हमें यह सिखाती है कि दुष्ट कितना भी शक्तिशाली हो उसका सर्वनाश होता है और भगवान के भक्तों की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं।

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