सुखों की जननी है श्रीमद्भागवत कथा-महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि

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कमल खडका


हरिद्वार, 13 नवम्बर। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर एवं भारत माता मंदिर के महंत स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कलियुग में मोक्ष प्राप्ति का साधन है। भागवत कथा सभी सुखों की जननी है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से सभी कष्ट दूर होते हैं। उत्तरी हरिद्वार के नकलंक धाम में रामप्रिया फांउडेशन अमरावती के तत्वधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चैथे दिन मुख्य अतिथि के रूप में महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि शामिल हुए।

सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास सुश्री रामप्रिया श्री (माई) ने श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि भागवत कथा सुनने से मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सत्य और असत्य का बोध होता है। कष्ट से मुक्ति मिलती है। लोगों को निष्ठा और श्रद्धा से इस कथा का श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति के बारे में बताया गया है।

कथा में पहुंचे मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ने कहा कि व्यास जी को 17 पुराण लिखने के बाद भी असंतोष था तो उन्होंने नारद जी की प्रेरणा से 18 वें पुराण की रचना की। इस रचना से वे काफी प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि भागवत में सूत जी से भजियों ने छह प्रश्न पूछे जिसके उत्तर भागवत में सन्निहत हैं।

इस दौरान आयोजक डा.कमल किशोर नवांदर, संतोष लड्डा, सुरेश करवा, एडवोकेट वासुदेव माहौर, अरुण अवगढ़, लक्ष्मी बाई, शीला नवांदर, मंगल लड्डा, शीला थापर, प्रमिला, कल्पना राठी, रंजना, प्रतीक्षा,अमर लाल शदाणी आदि उपस्थित रहे।

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