गौरव रसिक
हरिद्वार, 11 दिसंबर। उत्तरांचल पंजाबी महासभा के प्रदेश महामंत्री सुनील अरोड़ा ने किसान आंदोलन पर बोलते हुए कहा कि भारत का किसान देश के नागरिकों को अन्न देता है। अन्नदाताओं की मांग का संज्ञान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना चाहिए। काले कानून का विरोध कर रहे किसानों को तुरंत राहत पहुंचाते हुए कानून में बदलाव करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तरांचल पंजाबी महासभा गैर राजनीतिक संगठन है। लेकिन देश का किसान कृषि कानून में बदलाव की मांग कर रहा है।
आंदोलन कर रहे किसानों को मानसिक, आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भ्रम की स्थिति फैलाकर किसानों के आंदोलन को षड़यंत्र के तहत बदनाम करना चाह रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन कर रहे सिख समाज के लोगों को खालिस्तान का समर्थक दिखाकर बदनाम करने की कोशिशें की जा रही हैं। सिख समाज देश की आजादी में निर्णायक भूमिका निभा चुका है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
आंदोलन को लेकर तरह तरह का प्रचार किया जा रहा है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान सर्दी में बैठकर अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से मनवाना चाहते हैं। लेकिन कुछ लोगों द्वारा षड़यंत्रण कर आंदोलन को ही बदनाम करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे लोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है। प्रदेश अध्यक्ष राजीव घई ने कहा कि किसान कृषि कानून में बदलाव की मांग कर रहा है। इस आंदोलन में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। खालिस्तान की मांग को सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शाना सरासर निंदनीय है। अगर इस तरह की मांग कोई करता है तो उत्तरांचल पंजाबी महासभा उसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है। लेकिन कुछ लोग राजनैतिक लाभ लेने के चक्कर में किसानों को बदनाम कर रहे हैं।
किसान हमेशा ही भाईचारे व सौहार्द का देश में संदेश देता चला आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की मांगों को लेकर अपील की है कि सकारात्मक हल किया जाना चाहिए। देश का किसान देश की आर्थिक प्रगति में अपना योगदान रखता है। सरकार को जल्द से जल्द समाधान तलाशने चाहिए। जिससे किसानों की मांगे पूरी हों सके। सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे कुप्रचार पर भी सरकार को रोक लगानी चाहिए।