वैष्णव संतों ने जताया प्रधानमंत्री का आभार

Haridwar News
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कमल खडका

हरिद्वार, 20 मार्च। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैरागी कैंप पहुंचकर तीनों वैष्णव अनी अखाड़े के संतों से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में मुख्यमंत्री ने संत महापुरुषों के साथ विधि विधान से हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। जिसके बाद संतो ने उन्हें फूल माला पहनाकर स्वागत किया। श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि बैरागी कैंप अनादि काल से वैष्णव संतो के लिए आरक्षित भूमि रही है।

कोरोना के चलते बैरागी संतो को भूमि आवंटन में देर मेला प्रशासन द्वारा की गई है। वैष्णव संत शुरू से ही भूमि आवंटन समेत मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग करते चले आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की उदासीनता के चलते कुंभ मेले की व्यवस्थाएं नहीं हो पाई थी। लेकिन अब युद्ध स्तर पर मेले की तैयारियां की जाएं। जिससे सभी वैष्णव संत और खालसे अपनी अपनी तैयारियां पूरी कर सकें। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैष्णव संतो की भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य में तुरंत सत्ता परिवर्तन किया और नवनियुक्त मुख्यमंत्री को मेला भव्य रुप से संपन्न कराने के लिए जो निर्देश दिए इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री निर्णय लेने में सक्षम नहीं थे। इसलिए उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी।

वर्तमान मुख्यमंत्री ने मेला भव्य कराने के निर्देश दिए हैं। उससे बैरागी संतो में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार कोई प्रधानमंत्री सत्ता में आए हैं जिन्होंने राम मंदिर और कुंभ मेले को लेकर कठोर निर्णय लिए हैं और हिंदुओं एवं संतो की भावनाओं का सम्मान किया है इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री सनातन प्रेमी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बैरागी कैंप में भूमि आवंटन का कार्य शुरू हुआ है। जोकि कुंभ के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जब बैरागी कैंप आए थे तो वह मेले को बंद कराने आए थे और वर्तमान मुख्यमंत्री मेले को भव्य रूप से संपन्न कराने के लिए आए हैं। जिसके लिए समस्त समाज इन्हें आशीर्वाद प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान जब धार्मिक अनुष्ठान हवन यज्ञ आदि संचालित होंगे तो कोरोनावायरस स्वयं ही समाप्त हो जाएगा। श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राम कृष्णदास नगरिया महाराज ने कहा कि कुंभ मेले से संत महापुरुषों एवं करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है।

मेले के कार्य जल्द से जल्द पूरे करा कर संत महापुरुषों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाए और मेले से जुड़े सभी अधिकारी दिन-रात कार्य करके कुंभ मेले को सफल बनाने के लिए जुट जाएं। जिसके लिए मुख्यमंत्री उन्हें निर्देशित करें। महंत गौरी शंकर दास एवं महंत रामजी दास महाराज ने कहा कि 12 वर्ष की लंबी अवधि के बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है और वैष्णव संत कुंभ मेले के मुख्य केंद्र बिंदु होते हैं। सरकार को मेले की व्यवस्थाएं ऐतिहासिक रूप से करा कर मेले को और दिव्य और भव्य रुप से संपन्न कराना चाहिए। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी संत महापुरुषों को आश्वासन देते हुए कहा कि कुंभ मेले से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं संत महापुरुषों को उपलब्ध करायी जाएंगी। जि

सके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। भूमि आवंटन का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा और मूलभूत सुविधाओं पर तेजी से कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत महापुरुषों और सरकार के समन्वय से कुंभ मेला दिव्य और भव्य रुप से संपन्न होगा। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कोरोना के चलते व्यवस्थाओं में थोड़ी देरी हुई है। लेकिन अब सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए है।ं उससे कुंभ मेला दिव्य और सुरक्षित रूप से संपन्न होगा कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालु सरकार की गाइडलाइन का पालन अवश्य करें।

इस दौरान जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य, कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल, मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, भाजपा नेता संजय चोपड़ा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामशरणदास, महंत रामजीदास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मनीष दास, म.म.भगवानदास खाकी, महंत मोहनदास खाकी, महंत रामप्रवेश दास, महंत हरिदास, महंत ऋषिकुमार दास, म.म.सरजूदास महात्यागी, म.म.आरीदास, म.म.भैयाजी महाराज, म.म.त्रिवेदी दास, म.म.महात्मा दास त्यागी, म.म.बालकदास महात्यागी, म.म.रामदास, महंत हिटलर बाबा, महंत रामदास, महंत पवनदास आदि मौजूद रहे।

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