विडियो :-संतों व मेला अधिकारियों ने किया पेशवाई मार्ग का निरीक्षण

Haridwar News
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तनवीर
शंकराचार्य चौक के समीप बने वाचनालय

हरिद्वार, 7 दिसंबर। कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के संतों के साथ उपमेला अधिकारी किशन सिंह नेगी व कुंभ मेला तहसीलदार मंजीत सिंह ने मेला प्रशासन के अधिकारियों के साथ दूधाधारी चैक से कनखल तक पेशवाई मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान श्रीमहंत महेश्वरदास महाराज ने कहा कि दो अप्रैल को अखाड़े की धर्मध्वजा फहरायी जाएगी। जिसके बाद चार अप्रैल को अखाड़े की पेशवाई भव्य रूप से दूधाधारी चैक से अखाड़े के लिए निकाली जाएगी।

उन्होंने कहा कि पेशवाई मार्ग पर पूर्व से ही श्रीचंद्र वाचनालय स्थापित किया जाता है। बाहर से आने वाले भ्रमणशील जमात के साधु संत शंकराचार्य चैक के समीप बने इस वाचनालय में धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन व विश्राम करते हैं। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को पेशवाई मार्ग की व्यवस्थाओं को तेजी के साथ लागू कराना चाहिए। कुंभ मेले की समय अवधि नजदीक है। जल्द से जल्द मार्गो के निर्माण कार्य पूरे किए जाने चाहिए।

जिससे बाहर से आने वाले संत महापुरूषों के अलावा यात्री श्रद्धालुओं को भी सुविधाएं मिल सकें। कुंभ मेला सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व है। सरकार को संतों व श्रद्धालुओं की आस्था को दृष्टिगत रखते हुए कुंभ की व्यवस्था भव्य व दिव्य रूप से करानी चाहिए। मुखिया महंत दुर्गादास महाराज व कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान बड़ी संख्या में भ्रमणशील जमात के संत हरिद्वार में प्रवेश करते हैं। मेला प्रशासन पेशवाई मार्ग के साथ साथ कुंभ मेला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मार्गो को भी जल्द से जल्द दुरूस्त करे।

अखाड़ों में सफाईकर्मियों की तैनाती की जाए। मक्खी मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव व नालों की सफाई करायी जाए। उपमेला अधिकारी किशन सिंह नेगी ने बताया कि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। संतों की भावनाओं के अनुरूप पेशवाई मार्ग का सौन्दर्यकरण व अन्य व्यवस्थाओं का लागू कराया जाएगा।

कुंभ से जुड़े कार्यो को तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। तय समयावधि के अंतर्गत सभी कार्यो को पूरा कर लिया जाएगा। कुंभ मेले में संतों व श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार मंजीत सिंह, महंत निर्मलदास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत प्रेमानंद, मेला कोठारी वासुदेव दास, महंत विष्णुदास, महंत शिवानंद, महंत निर्मलदास, नवल गुप्ता, विकास शर्मा, इंद्रमोहन मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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