अमरीश
हरिद्वार, 2 मार्च। चमार वाल्मीकि महासंघ के कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की तहसील टप्पल के गांव रायगढ़ी के ग्राम प्रधान कालीचरण वाल्मीकि की मृतक पत्नी के शव का श्मशान घाट में अंतिम संस्कार का विरोध करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही एवं पीड़ित कालीचरण वाल्मीकि के परिवार को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग को लेकर देवपुरा चैक से सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय तक प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।

अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र तेश्वर ने कहा कि आजादी के 77 साल बाद भी उत्तर प्रदेश अलीगढ़ में ग्राम प्रधान कालीचरण वाल्मीकि की मृतक पत्नी के शव का श्मशान घाट में कुछ मनुवादियों द्वारा अंतिम संस्कार करने का विरोध किए जाने की घटना ने देश के वाल्मीकि समाज को झकझोर कर दिया है। आज भी वाल्मिीकि समाज को तिरस्कार, अपमान और प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
चमार वाल्मीकि महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह ने कहा कि अलीगढ़ की इस घटना से मूल निवासी बहुजन समाज में रोष व्याप्त है। ज्ञापन प्रस्तुत करने वालों में चमार वाल्मीकि महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र श्रमिक, जिला अध्यक्ष भानपाल रवि, एससी एसटी एम्पलाइज फेडरेशन उत्तराखंड के प्रदेश सलाहकार मोदीमल तेगवाल, वरिष्ठ समाजसेवी सीपी सिंह, डा.कदम सिंह बालियान, पूर्व प्रधानाचार्य फूल सिंह, डा.राजकुमार, सुरेंद्र पास्टर, आत्माराम बेनीवाल, नसीर अहमद, सरोज पाल, ओमपाल वाल्मीकि, विश्वजीत सिंह, खालिद हसन, भोलू, शाहिद हसन, मुंता, मौनी, शुभम, विकास बेनीवाल, बलराम चैटाला, सोनी कुलदीप, दीपक तेश्वर, रफलपाल सिंह, जितेंद्र तेश्वर, धर्मेंद्र पास्टर, मनोज छाछर, प्रवीण, कपिल देव, रामनिवास पासवान, मोहम्मद सुकूने नजर, मोहम्मद जैनुल अंसारी, क्रांति, रूबी नितिन आदि शामिल रहे।