पिछले 37 वर्षाे से पवित्र रक्षा बंधन के पर्व को बाखूबी निभा रहे हैं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली

Haridwar News
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तनवीर

वचन दो बहनों बच्चो को सर्व धर्म सदभावी संस्कार देना है- राव आफाक अली
मज़हब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना।
हिंदी है हम वतन है हिंदोस्ता हमारा ।

हरिद्वार, 19 अगस्त। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली पिछले 37 वर्षाे से पवित्र रक्षा बंधन के पर्व को बाखूबी निभा रहे है और आखिरी सांस तक निभाने का ये कहते हुए वचन देते है कि रघु कुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाए। उन्होंने आज अपनी बहनों से भी वचन लिया कि वे अपने बच्चो को उनके मामा राव आफाक अली की तरह ही सर्व धर्म का सम्मान और सदभावना के संस्कार देकर मिसाल कायम करेंगी। जिस प्रकार उनके मामा राव आफाक अली होली, दिवाली मिलन एवं शिव भक्त कावडियो की सेवा करने मे गर्व मेहसूस करते हैं।

राव आफाक अली ने बताया कि मुझे नही मालूम ये सिलसिला 80-90 के दशक मे अचानक शुरू हुआ। मैं किसी काम से थाने के दरोगा जो अब सीबीसीआईडी से रिटायर्ड इंस्पेक्टर हैं के घर गया तो वह खाना खा रहे थे। उन्होंने मुझे भी खाने के लिए कहा तो मैने मना कर दिया तो उन्होंने हंसते हुए कहा अरे आफाक ये दाल सब्जी भी कभी खा लिया करो और खाना लगवा दिया। मुझे नही पता था कि आज रक्षा बंधन है। मेने खाना खाकर थाली मे 20 रुपए रखते हुए कहा कि लो बच्चो चॉकलेट आईसक्रीम खा आओ। थोड़ी देर बाद वह तीनो बच्चे एक थाली लेकर मेरे पास आए और उन्होंने आकर मुझे तिलक लगाया और हाथो मे राखीयंा बांध दी।

तब मेरा शर्मा जी की फैमिली से पूरा परिचय हुआ। इसमें कंचन शर्मा उम्र 8 साल, शुरभी शर्मा उम्र 6 साल और दीपा शर्मा उम्र 4 साल रही होगी। पता चला की इन तीनों बहनों का कोई भाई नही हैं। 10-12 वर्ष के बाद इनके माता पिता को आयुष शर्मा नाम के पुत्र की भी प्राप्ति हो गई। लेकिन पहली राखीया आज भी राव आफाक अली को ही बांधी जाती है। जो लगातार पिछले 37 वर्षाे से चला आ रहा है। जबकि ऐसी मिसाले कम ही देखने को मिलती है। क्योंकि जयादतर लोग किसी अधिकारी या नेता से तब तक ही रिश्ता निभाते हैं। जब तक वह कुर्सी या पॉवर मे होता है।

ठीक इसी प्रकार राव आफाक अली की छोटी बहन नुजहत राव ने भी लव कुमार शर्मा जो सिंचाई विभाग मे जेई है को पिछले 20 वर्षाे से राखी बांधती चली आ रही है। लव कुमार शर्मा के माता पिता का देहांत हो गया था। उनका कोई नजदीक भाई बहन भी नही है। अब राव आफाक अली की फैमिली के सगे भाइयों की तरह ही उन्हे शुमार किया जाता है। ईश्वर से प्रार्थना है की भारत देश मे सर्व धर्म का सम्मान होता रहे और इंसान को इंसान से प्यार होता रहे।

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