संजय वर्मा
हरिद्वार, 1़9 फरवरी। मृत्युंजय मिशन के तत्वाधान में विगत गैंडी खाता में आयोजित 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में पोलैंड में भारत के राजदूत रहे चंद्रमोहन भंडारी ने प्रशिक्षणार्थियों को योग एवं प्राणायाम की दैनिक जीवन में महत्व की जानकारी दी और योग योगासनों का अभ्यास कराया। चंद्रमोहन भंडारी ने मर्म चिकित्सा के विषय में अपने अनुभव बताते हुए कहा कि बरसों पहले डा.सुनील जोशी के संपर्क में आने के पश्चात उन्हें इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति का ज्ञान हुआ।
जिसका उन्होंने देश-विदेश में प्रचार करते हुए स्वयं भी अनुभव किया कि यह एक चमत्कारिक दुष्प्रभाव रहित तथा तुरंत असर करने वाली चिकित्सा पद्धति है। सीएम भंडारी ने महाकुंभ मेले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए निःशुल्क मर्म चिकित्सा शिविर का उल्लेख करते हुए बताया कि उत्तराखंड ही नहीं देश के कई राज्यों में विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थाएं मर्म चिकित्सा को अपना रही हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न मर्म बिंदुओं को उत्प्रेरित करने एवं असाध्य रोगों में उनके प्रभाव के विषय में भी जानकारी दी। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डाा.सुनील जोशी ने मर्म प्राणायाम, मर्म आसनों के विषय में विस्तार से जानकरी तथा इसके उपयोग और लाभ भी बताए।
उन्होंने कुछ विशेष आसानो अधिपति मर्म से लेकर शिप्र, इंद्र वस्ती, जानू, गुल्फ तथा कमर में स्थित मर्मों को जैसे अंश, अंश फलक कुकुंदर, अणी, उर्वी आदि मर्मों के बारे में विस्तार से बताया तथा किस मर्म बिन्दु को उत्प्रेरित करने पर कौन से रोग में लाभ होता है। इसकी जानकारी भी प्रशिक्षणार्थियों को दी। साथ ही मर्म, योग और प्राणायाम इन तीनों के पारस्परिक संबंध को भी विस्तार से बताया। डा.सुनील जोशी, डा.विपिनचंद्र, डा.संदीप सुमन, मयंक जोशी, विवेक चौधरी, शत्रुघ्न डबराल, विपिन चौधरी, चंद्रकांत आदि ने कर्नाटक बेंगलुरू, मध्य प्रदेश राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, गुजरात, दिल्ली तथा ब्रिटेन से आए 67 प्रशिक्षणार्थियों को मर्म चिकित्सा के गुढ रहस्यो से अवगत कराया। साथ ही प्रैक्टिकल द्वारा शरीर में स्थित 107 मर्म बिंदुओं की पहचान और उनको उत्प्रेरित करने का तरीका भी बताया। प्रशिक्षण शिविर के संयोजक मयंक जोशी ने बताया कि 16 फरवरी से शुरू हुए 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का समापन 21 फरवरी को प्रमाण पत्र वितरण के साथ होगा।


