ब्यूरो
हरिद्वार, 20 सितम्बर। बड़ी रामलीला के मंच पर ताड़का वध, सीता जन्म की लीला का मंचन किया गया। रामलीला मंचन कर रहे कलाकारों ने अपने भावूपर्ण अभिनय से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। रामलीला में दिखाया गया कि राक्षसों के बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार में मदद मांगने जाते हैं। राजा दशरथ ने रघुकुल की परम्परा तथा राजधर्म का निर्वाह करते हुए राम व लक्ष्मण को ऋषि विश्वामित्र के साथ भेज दिया। राम और लक्ष्मण ने ऋषि विश्वामित्र के साथ वन में राक्षसी ताड़का का वध कर ऋषियों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलायी।
दादा गुरु भगवत शर्मा मुन्ना तथा दिग्दर्शक मनोज सहगल, संगीत दिग्दर्शक विनोद नयन के निर्देशन में अगले दृश्य में दिखाया गया कि राजा जनक के राज्य में सूखा पड़ गया और जनता भूख से व्याकुल हो उठी है। राजा जनक जनता के बीच जाकर दुख दर्द जानते हैं और ऋषियों के बताए उपाय के अनुसार वर्षा की कामना को लेकर स्वयं खेत में हल चलाते हैं। इसी दौरान हल का फल एक घड़े से टकराने पर घड़े से कन्या के रूप में सीता का अवतरण हुआ। माता सीता के जन्म के उपरांत वर्षा होती है राज्य को अकाल से मुक्ति मिलती है।
रंगमंच का संचालन डा.संदीप कपूर एवं विनय सिंघल ने संयुक्त रुप से किया। श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेन्द्र चड्ढा, ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील भसीन, ट्रस्ट के मंत्री रविकांत अग्रवाल, कमेटी के महामंत्री महाराज कृष्ण सेठ, कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, ऋषभ मल्होत्रा, विशाल गोस्वामी, राहुल वशिष्ट, अंजना चड्डा, पवन शर्मा, दर्पण चड्ढा, मनोज बेदी, सुनील वधावन, विकास सेठ, महेश गौड़, सुरेन्द्र अरोड़ा, गोपाल छिब्बर, कन्हैया खेवडिया एवं अनिल सुखीजा सहित सम्पूर्ण कार्यकारिणी ने व्यवस्थाएं बनाने में योगदान दिा। रामलीला में किसान के रूप में शिवचरण सूद, राजा जनक आदित्य चावला, दशरथ संजीव गिरी, राम पवन खैरवाल, लक्ष्मण नीरज चौहान तथा अमित पांडे, अमित चौटाला, मुकुल गिरी, सीटू गिरी, सिद्दार्थ गिरी, विवेक शर्मा, नारायण, मनोज शर्मा आदि के अभिनय की सभी ने सराहना की।