विडियो:-होली और जुमे पर देें एकता और भाईचारे का संदेश

Haridwar News
Spread the love

होली सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है-स्वामी कैलाशानंद गिरी

हरिद्वार, 11 मार्च। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी देशवासियों से प्रेम और भाईचारे से होली मनाने की अपील की है। श्री दक्षिण काली मंदिर में अपील जारी करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि होली सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। होली और जुमा पहले भी कई बार साथ पड़ चुके हैं। होली मिलन का त्यौहार है और बड़ा आपसी संदेश देने वाला पर्व है। अच्छी बात है कि होली और जुमा एक साथ पड़ रहे हैं।

सभी को अपने-अपने तरीके से अपना त्यौहार मनाना चाहिए। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि होली केवल रंगों का त्यौहार नहीं है। होली संबंध, मिलन, प्रेम और उपासना का पर्व है। साल में मां भगवती की चार महारात्रि होती हैं। होली की महारात्रि में विश्व और समाज कल्याण के लिए भगवती की आराधना की जाती है। होली और जुमे को लेकर जो बयानबाजी हो रही है। उस पर विराम लगना चाहिए। होली सनातनियों का पौराणिक त्यौहार है। होली को परंपरागत तरीके से मनाया जाता है।

मुस्लिमों को जुमा अपने तरीके से मनाना चाहिए। किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है। अराजकता ना हो। किसी प्रकार की अराजक बयानबाजी ना करें। जिससे देश का माहौल और आपसी संबंध और भाईचारा खराब ना हो। उन्होंने कहा कि महारात्रि होने के कारण होली महाउत्सव भी है। प्रेम से उत्सव के रूप में होली मनाएं। मुस्लिमों को रंग ना लगाएं। किसी को होली खेलने और रंग लगवाने के लिए बाध्य ना करें। रंगों का त्यौहार हमारा है।

हमें आपस में एक दूसरे को रंग लगाना चाहिए। मुस्लिम अपने तरीके से अपनी परंपरा को मनाएं। हम अपनी तरीके से अपनी परंपरा को मनाएं। सनातन धर्म में भी कई लोग जिन्हें रंगों से एलर्जी होती है, वे रंग नहीं लगवाते। होली के त्यौहार के वातावरण को खराब ना करें। होली में जो आनंदोत्सव का आनंद लेगा वह स्वयं ही आनंदित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *