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हरिद्वार:-उत्तरी हरिद्वार स्थित मिश्री मठ में पंचदिवसीय पूर्णिमा एवं देवभूमि रजत महोत्सव के आयोजन के दौरान मिश्री मठ के परमाध्यक्ष करौली शंकर महादेव ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि ध्यान साधना और संस्कृति गौरव को बढ़ाने का सशक्त माध्यम है।

नशा मुक्त समाज की परिकल्पना
करौली शंकर महादेव महाराज ने युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि नशा समाज में अवरोध उत्पन्न करता है और नशा मुक्त समाज की परिकल्पना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ध्यान साधना से ही नशे से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है और कष्टों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
ध्यान साधना का महत्व
करौली शंकर महादेव महाराज ने कहा कि ध्यान साधना जीवन का अभिन्न हिस्सा है और मंत्र दीक्षा जीवन की सफलताओं का स्रोत है। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण में ध्यान साधना की मुख्य भूमिका होती है और मन मस्तिष्क अच्छा होगा तो सभी कार्य उन्नति की ओर अग्रसर होंगे।
राष्ट्र निर्माण में सहभागिता
करौली शंकर महादेव महाराज ने उत्तराखंड राज्य प्राप्ति के लिए बलिदान देने वालों के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा कि राष्ट्र निर्माण में सभी की सहभागिता होनी चाहिए।


