उत्तरांचल पंजाबी महासभा, हरिद्वार नागरिक मंच तथा अभाविप ने एसएमजेएन कॉलेज परिसर में किया पौधारोपण

Haridwar News
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तनवीर

विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक-डा.बत्रा

पौधारोपण कर उनका संरक्षण करें-सुनील अरोड़ा।

हरिद्वार, 9 जुलाई। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी सामने आने के बाद लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। शुक्रवार को उत्तरांचल पंजाबी महासभा, हरिद्वार नागरिक मंच तथा अखिल भारतीय विद्याथी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एस.एम.जे.एन. कॉलेज मैदान में सैकड़ों पौधे रोपित किया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। पौधारोपण करने के पूर्व सभी ने कालेज में निर्मित शौर्य दीवार पर देश के वीर शहीदों को नमन किया।

उत्तरांचल पंजाबी महासभा के प्रदेश महामंत्री सुनील अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षों के महत्व को समझना होगा। ऋषि-मुनियों ने भी वृक्षों को सूर्य, चन्द्रमा, गंगा की तरह पवित्र मानकर इनकी पूजा करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष अपने पूरे जीवन में इतनी आक्सीजन उत्सर्जित करता है। जिससे कई लोगों को जीवन मिलता है। अतः वृक्ष लगाना व उनका संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। कार्यक्रम संयोजक समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि मनुष्य का वृक्षों के साथ बहुत गहरा व सूक्ष्म सम्बन्ध है। मानव जीवन का प्रत्येक क्षण वृक्षों से सम्बन्ध रखता है।

पृथ्वी पर मानव के सबसे नजदीकी मित्र वृक्ष ही हैं। जब आप वृक्ष काटते हैं तो समझइये कि आप अपनी जीवन शक्ति पर ही प्रहार कर रहे हैं और अपनी ही परेशानियों को बढ़ा रहे हैं। इसलिए मानव कल्याण के लिए सभी पौधारोपण करें तथा वृक्ष बनने उनका पालन पोषण करें। राजू ओबेराय ने कहा कि अपने लालच की पूर्ति के लिए प्रकृति के विरूद्ध जाकर प्राकृतिक ससांधनों का अंधाधुंध दोहन विनाश को निमंत्रण देना जैसा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक आपदा के चलते ऑक्सीजन की जो भारी किल्लत समाज के सम्मुख आयी है। इसलिए महामारी के दृष्टिगत उत्तरांचल पंजाबी महासभा ने निरन्तर पौधा रोपण करने का निर्णय लिया है।

जिसमें सभी को सहयोग करना चाहिए। है। एसएमजेएन कॉलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा व उत्तरांचल पंजाबी महासभा के जिला महामंत्री राम अरोड़ा ने समाजहित व जनहित में पौधारोपण के निर्णय का स्वागत किया। हरिद्वार नागरिक मंच तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को स्थापना दिवस की शुभकामनायें प्रेषित करते हुए डा.बत्रा ने कहा कि प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। प्रकृति के रूप में वृक्ष हमारा पालन-पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं। परन्तु विकास की अंधी दौड़ में हम अनायास ही वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाकर अपने जीवन पर ही प्रहार कर रहे हैं। विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि वृक्ष रहेंगे तो मानव जीवन रहेगा। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा.संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण ही ईश्वर की सच्ची आराधना है। प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है।

इस अवसर पर राजू ओबेराय, कंचन तनेजा, कुंज भसीन, नितिन जग्गी, प्रवीण गाबा, अक्षय मल्होत्रा, अक्षत कुमार कुमार, चेतन कोचर, अमित बजाज, प्रमोद पांधी, संजय शर्मा, रोहित सहगल, अनिल कुमार, कर्ण मल्होत्रा, कामिनी सड़ाना, मीनाक्षी छाबड़ा, मोनिका चुघ, श्रीराम अरोड़ा, आदर्श कश्यप, भरत तनेजा, डा.जगदीश चन्द्र आर्य, विनय थपलियाल, डा.सुषमा नयाल, डा.पद्मावती तनेजा, प्रिंस श्रोत्रीय, विनीत सक्सेना आदि उपस्थित रहे।

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