पुलिस और सीआईयू टीम ने किया फर्जी साइबर फ्राड का खुलासा

Haridwar News
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तनवीर


शिकायतकर्ता ने ही मास्टरमाइंड के इशारे पर रची थी साजिश
रंजिश के चलते कुछ लोगों को मुकद्मे में फसाकर जेल भिजवाना चाहता था मास्टरमाइंड
सच सामने आने के बाद पुलिस ने किया तीन आरोपियों को गिरफ्तार

हरिद्वार, 6 सितम्बर। ज्वालापुर कोतवाली पुलिस व सीआईयू टीम ने साइबर फ्राड का खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति ने ही मास्टरमाइंड के इशारे पर पूरी साजिश रची थी। पुरानी रंजिश के चलते मास्टरमाइंड कुछ लोगों को साइबर ठगी के मामले में फंसाकर जेल भिजवाना चाहता था। आरोपियों के क़ब्ज़े से 50 हजार रूपए नकद, कंप्यूटर, प्रिंटर, ग़ैर जमानती वारंट सहित अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।

एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बीती 28 जुलाई को सुरेन्द्र पुत्र सुमन निवासी शिवधाम कॉलोनी गली नंबर 2 सुभाष नगर ज्वालापुर ने उसके फोन पर नोटिफिकेशन भेजकर फर्जी पीडीएफ डाउनलोड कर पटेल नगर थाना देहरादून में सड़क दुर्घटना के मुकदमे में वारंट जारी होने का डर दिखाकर धोखाधड़ी से 30000 रूपए ट्रांसफर करवाने के संबंध में शिकायत दर्ज करायी थी। मुकद्मा दर्ज करने के बाद साइबर सेल ने 5 अलग-अलग खातों में 25 हजार रूपए की रकम होल्ड करा दी थी। लेकिन जब खाताधारकों से पूछताछ की गयी तो पता चला कि उनके खाते में आई 5000-5000 रूपए की धनराशि खाताधारकों द्वारा नहीं निकाली गई, बल्कि शिकायतकर्ता सुरेंद्र से फोन पर संपर्क कर पैसे वापस करने की वात की गई व खाते में पैसे आने की ऑनलाइन व ऑफलाइन शिकायत भी दर्ज कराई गई।
मामले की विवेचना में प्रकाश में आया साइबर फ्राड की शिकायत दर्ज कराने वाला सुरेंद्र कृष्णकांत का अच्छा परिचित है और जिनके खिलाफ उसने आरोप लगाए हैं। उनके साथ कृष्णकांत द्वारा धोखाधड़ी की गई थी। जिस संबंध में कृष्णकांत के खिलाफ विभिन्न थानों में धोखाधड़ी के अभियोग पंजीकृत कराए गए हैं व उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा भी कोतवाली रानीपुर में कृष्णकांत के विरुद्ध धोखाधड़ी व कोतवाली मंगलौर में गैंगस्टर एक्ट में मुकद्मा दर्ज हैं।
इसके बाद पुलिस ने सुरेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह वर्ष 2022 में दुष्कर्म के मामले में सिडकुल थाने से जेल गया था। जहां उसकी मुलाकात कृष्णकांत से हुई। कृष्णकांत ने ही जमानत कराने में सुरेन्द्र की मदद की थी। कृष्णकांत ने सुरेन्द्र को बताया कि जुरेश, आरजू, शेखर, रवीना, राजू, योगेश व किशन महात्यागी ने उसके व उसके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज करवा रखे हैं। मुझे इन सभी से बदला लेना है और सभी को किसी फर्जी मामले में लपेटकर जेल भिजवाना है। कृष्णकांत ने सुरेंद्र को 5 लाख रुपए का लालच देकर अपने भाई डेविड व अपने साले राहुल के साथ मिलकर सभी को साइबर फ्रॉड के मामले में फंसा कर जेल भिजवाने का प्लान बनाया।
प्लान के मुताबिक आरोपियों ने फर्जी वारंट तैयार कर सुरेन्द्र के खाते से जुरेश, आरजू, शेखर, रवीना, राजू योगेश व किशन महात्यागी के खाते में 5000-5000 रूपए डाल कर उनके खिलाफ साइबर फ्राड का मुकदमा दर्ज कराया।
इस काम के लिए कृष्णकांत ने सुरेंद्र को अपने साले राहुल के माध्यम से 35000 नगद दिए थे व फर्जी गैर जमानती वारंट बनाकर पीड़ितों के खाते में क्यूआर कोड के माध्यम से 5000-5000 रूपए डाले थे। इस काम के बाद कृष्णकांत ने सुरेंद्र को ढाई लाख रुपये नगद दिए थे।
फर्जी साइबर फ्राड की पूरी कहानी सामने आने के बाद पुलिस ने सुरेंद्र पुत्र सुमन निवासी सताव आशिक थाना गुरुबक्शगज जिला रायबरेली उत्तर प्रदेश, हाल निवासी शिवधाम कॉलोनी गली नंबर 2 सुभाष नगर कोतवाली ज्वालापुर, डेविड पुत्र विनोद निवासी ग्राम नारसन खुर्द कोतवाली मंगलौर व राहुल पुत्र पवन निवासी ग्राम सुगरासा थाना पथरी हरिद्वार को गिरफ्तार कर लिया। जबकि पूरे मामले के मास्टरमाइंड कृष्णकांत की तलाश की जा रही है।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी डेविड के खिलाफ सहारनुपर के देवबंद, नांगल, हरिद्वार के बुग्गावाला, रूड़की व मंगलौर में ठगी व गैंगस्टर की धाराओं में 6 मुकदमे दर्ज हैं। सुरेंद्र के खिलाफ सिडकुल थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज है।

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