विडियो:-अखाड़ों में शिक्षित युवा संतों का आना नए युग की शुरूआत-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

Haridwar News
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राकेश वालिया


स्वामी सत्यानंद सरस्वती एवं स्वामी मनकामेश्वर गिरी बने श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर
हरिद्वार, 2 फरवरी। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी में दो युवा संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गयी। बंगाली मोड़ स्थित अखाड़े की छावनी में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी के सानिध्य में अखाड़े के रमता पंचों एवं संत समाज ने युवा संतों वृन्दावन के स्वामी सत्यानंद सरस्वती महाराज एवं अमृतसर के स्वामी मनकामेश्वर गिरी महाराज को तिलक चादर प्रदान कर महामंडलेश्वर पदवी प्रदान की। इस अवसर पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि नए युग की शुरुआत हो रही है।

अखाड़ों में युवा और पढ़े-लिखे साधु संत आ रहे हैं। अखाड़े के दोनों महामंडलेश्वर शिक्षित और युवा संत हैं। दोनों युवा संतों से आशा है कि वे सनातन परंपरा की मर्यादा रखते हुए विश्व में धर्म का प्रचार करेंगे। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि धर्म के प्रचार के लिए अखाड़ों द्वारा संतों को महामंडलेश्वर का पद प्रदान किया जाता है। महंत जसविन्दर सिंह महाराज एवं महंत दामोदर दास महाराज ने दोनो नवनियुक्त महामंडलेश्वरों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा संतों को सनातन धर्म परंपरा के प्रचार प्रचार में योगदान करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महामण्डलेश्वर नियुक्त किए गए स्वामी सत्यानंद सरस्वती महाराज एवं स्वामी मनकामेश्वर महाराज श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की परंपरांओं को मजबूत करेंगे। नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी सत्यानंद सरस्वती एवं स्वामी मनकामेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि संत परंपरा का पालन करते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे और अखाड़े की उन्नति में योगदान करेंगे

इस अवसर पर महंत हनुमान बाबा, महंत प्रेमदास, महंत सूर्यमोहन गिरी, महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत कृष्णानंद, महंत सत्यानन्द गिरी, महंत विष्णुदास, बाबा बलराम दास हठयोगी, महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत सूर्यमोहन गिरी, महंत बिहारी शरण, महंत प्रेमदास महाराज आदि सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु मौजूद रहे।

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