तनवीर
हरिद्वार, 6 अप्रैल। पतंजलि वैलनेस, फेस-।। स्थित योग भवन सभागार में स्वामी रामदेव का 31वां संन्यास दिवस, नवरात्रि यज्ञ, वैदिक अनुष्ठान व कन्या पूजन के साथ सम्पन्न हुआ। आचार्य बालकृष्ण ने स्वामी रामदेव को माला पहनाकर उन्हें 31वें संन्यास दिवस की शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि आज वे 30 वर्ष के संन्यासी हो चुके हैंँ और 31वें वर्ष के संन्यास जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संन्यासी का एक ही धर्म है- योगधर्म से राष्ट्रधर्म, सेवाधर्म और युगधर्म का निर्वहन करते हुए इस राष्ट्र को स्वास्थ के साथ-साथ समृद्धि और संस्कार देना। इसलिए पतंजलि योगपीठ निरंतर संस्कृति मूलक समृद्धि के सौपान चढ़ रहा है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि स्वामी रामदेव महराज ने संन्यास ग्रहण कर भारतीय संस्कृति, परम्परा व मूल्यों को पूरी दुनिया में गौरव देने का कार्य किया और भारत की गौरवशाली परम्परा की पहचान पूरे विश्व में कराई।
इस अवसर शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें संन्यासीगणों के साथ स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार के योगाचार्य स्वामी लाल आदि सम्मिलित हुए। शोभायात्रा गंगा तट पहुंची जहां 6 विद्वानों तथा 1 विदुषी को नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा दी गई।