भारतीय परंपराओं और संस्कृति के अनुरूप है नई शिक्षा नीति-विमल कुमार

Haridwar News
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तनवीर


हरिद्वार, 1 मार्च। एयरपोर्ट अथॉरिटी के सदस्य पूर्व राज्य मंत्री विमल कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मूल्यों को महत्व दिया गया है। नई शिक्षा नीति भारतीय परंपराओं और संस्कृति के अनुरूप है। शनिवार को हरिओम सरस्वती पीजी कालेज धनौरी में भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहयोग से विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। भारतीय शिक्षा प्रणाली में दार्शनिक सिद्धांतों का समावेशन विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान को संबोधित करते हुए विमल कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में गुरुकुलीय पद्धति को स्वीकार किया गया है।

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैंपस में शिक्षाशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा.अटल बिहारी त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय दार्शनिक सिद्धांत विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली उन्हीं सिद्धांतों पर आधारित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डा.अजयवीर सिंह पुंडीर ने कहा कि नई शिक्षा नीति और उत्तराखंड का गहरा संबंध है। नई शिक्षा नीति में देव भाषा संस्कृति को विशेष स्थान दिया गया है।

कार्यक्रम को भारतीय उत्थान परिषद के अध्यक्ष डा.अंकित सैनी, महाविद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष सुमन देवी, सचिव डा. आदित्य सैनी, हरिओम सरस्वती इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश चौधरी, आदि ने भी संबोधित किया। समन्वयक संध्या त्यागी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन उप प्राचार्य डा.योगेश कुमार ने किया। इस अवसर पर डा.रविंद्र कुमार, डा.प्रदीप सैनी, डा.जयदेव कुमार, डा.अमित कुमार, डा.संजय कुमार, डा.मोनिका रानी, डा.सरिता चौहान, विपिन मार्टिन आदि उपस्थित रहे।

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