तनवीर
हरिद्वार, 4 अक्टूबर। श्रीराम नाट्य संस्था की ओर से भीमगोड़ा में आयोजित रामलीला के मंच पर लक्ष्मण शक्ति और कुंभकरण वध की लीला का मंचन किया गया। लक्ष्मण के युद्ध में मूर्छित होने के बाद हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आये और लक्ष्मण के प्राण बचाये गए। रामलीला में मेघनाद और लक्ष्मण के बीच संवाद को दर्शकों ने खूब पसंद किया। युद्ध में लक्ष्मण के मूर्छित होने के बाद राम जब वियोग में रोने लगे तो विभीषण ने सुषैन वैद्य के बारे में बताया।
लंका से हनुमान सुषैन वैद्य को लेकर पहुंचे। वैद्य ने संजीवनी बूटी के बारे में बताया और 24 घंटे के भीतर लाने के लिए कहा। हनुमान संजीव बूटी लेने पहुंचे। जहां बूटी की पहचान न होने के कारण पूरा पर्वत ही उठा ले आये। वापस आते वक्त हनुमान की भरत से मुलाकात हुई। संजीवनी बूटी से लक्ष्मण की मूर्छा टूटी। इसके बाद रावण ने युद्ध में कुंभकरण को भेजा। जिसका राम ने वध किया।
राम का अभिनय आदित्य चौहान, हनुमान का अभिनय शुभुम नौटियाल, कुंभकरण का यागिक वर्मा, रावण का दीपक अग्रवाल, मेघनाद का बलराम गिरी कड़क, सुषैन वैद्य का हरिमोहन वर्मा ने किया। संस्था के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने बताया कि बुधवार को पंतद्वीप मैदान में दशहरा मनाया जाएगा।


