तनवीर
हरिद्वार, 9 अक्तूबर। पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष सुनील सैनी ने कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षा कानून से अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षा अधिकार सुरक्षित रहेंगे एवं धामी सरकार की ओर से लाए गए नए अल्पसंख्यक कानून को जरूरी बताते हुए कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। धामी सरकार की यह बड़ी उपलब्धि है। प्रैस को जारी बयान में सुनील सैनी ने कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान विधेयक को राज भवन ने मंजूरी दे दी है। अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू होने से सभी संस्थाओं को प्राधिकरण से मान्यता लेनी होगी।
सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी और मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक स्थान को मान्यता मिलेगी। नए कानून के तहत उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। जो अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्रदान करेगा। नए कानून के तहत राज्य का मदरसा शिक्षा बोर्ड समाप्त हो जाएगा सुनील सैनी ने कहा कि अल्पसंख्यक विद्यालय में योग शिक्षक व अच्छी सुविधा का लाभ अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को मिलेगा। यह सुविधा मदरसो की व्यवस्था में नहीं थी। कानून का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था से जोड़ने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता व पारदर्शिता बढ़ाना है।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप अल्पसंख्यकों को समान अवसर प्रदान करना है। उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा कानून अल्पसंख्यकों के हित में है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी क्षेत्रों में अग्रणी कार्य कर रहे हैं और उत्तराखंड के निरंतर विकास के लिए संकल्पित है। नई शिक्षा नीति लागू होने से शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन आए हैं और छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान की जा रही है। उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा अधिनियम लाने वाला पहला राज्य बन गया है। अब मुस्लिम के साथ सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षणिक संस्थान एक ही प्राधिकरण के तहत आएंगे।


