राहत अंसारी
सहारनपुर। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार जावेद साबरी ने कहा कि नगर निगम द्वारा निजी अस्पताल, क्लीनिक, जिम, उद्योग और लकड़ी के कारखानों पर नए सिरे से टैक्स का पुनर्निर्धारण करने का निर्णय पूरी तरह से जनविरोधी है। कोरोना महामारी से जनता पहले ही मंदी से उबर नहीं पाई है और ऊपर से नगर निगम जनविरोधी फैसले कर रहा है, जो स्मार्ट सिटी योजना की नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने का हथकंडा है। कांग्रेस जनहित के इस मुद्दे पर तीव्र आंदोलन से पीछे नहीं हटेगी।
एआईसीसी सदस्य जावेद साबरी ने जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में सहारनपुर का करीब छह साल पहले चयन किया गया था। हर साल इसके तहत मिलने वाले बजट की निगम प्रशासन बंदरबांट कर लेता है। भारी भरकम बजट आने के बावजूद सहारनपुर कितना स्मार्ट शहर बन सका है, यह यहां के नागरिकों के सामने है।
स्मार्ट सिटी योजना का एक भी प्रोजेक्ट नियोजित तरीके से पूरा नहीं किया गया। इस ओर से ध्यान हटाने के लिए नगरायुक्त टैक्स रिवीजन का निर्देश दे रहे हैं, जो न सिर्फ अव्यवहारिक है, बल्कि महामारी में इस शहर के लोगों पर अत्याचार भी है। नगर निगम व नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत पांच वर्ष के बाद ही निजी एवं व्यवसायिक भवनों पर कर का निर्धारण करने का प्राविधान है।
कोरोना महामारी के चलते करीब डेढ़ साल से कारोबार ठप्प हैं और आर्थिक मंदी व महंगाई ने आम लोगों के जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। यहां का विश्वप्रसिद्ध काष्ठकला उद्योग भी बंदी के कगार पर है। उद्यमियों को निर्यात के आर्डर न मिलने से उनकी आर्थिक हालत खराब है। निगम प्रशासन इन उद्योगों को राहत देने की बजाए उनकी कमर तोड़ने के के फैसले कर रहा है।
कांग्रेस पार्टी ऐसे निर्णयों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी तथा आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने आम लोगों से भी इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की अपील करते हुए कहा कि यदि जरूरत पड़ने पर लोग खामोश रह गए तो गलत फैसलों का खामियाजा सबको एक साथ भुगतना पड़ेगा।


