तनवीर
हरिद्वार, 28 नवम्बर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि 2017 में प्रचण्ड बहुमत से सत्ता में आयी जन अपेक्षाओं व वादों को पूरा करने में नाकाम रही है। युवाओं को रोजगार देने में भी डबल इंजन सरकार विफल साबित हुई है। उत्तराखण्ड सर्वोच्च बेरोजगारी दर वाले राज्यों में शुमार हो गया है।
प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान प्रीतम सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने आए पीएम मोदी ने किसानों से सरकार बनने के बाद ऋण माफी तथा आयु दोगुना करने का वादा किया था। लेकिन ना तो किसानों की आय बढ़ी ना ही ऋण माफ हुआ। राहत देने के बजाए किसानों पर तीन कृषि कानून लाद दिए गए। जिनके विरोध में देश भर के किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं।
उपचुनावों में हार तथा पांच राज्यों में चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने रोल बैक किया और कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। देश में महंगाई चरम पर है। जरूरत की तमाम चीजें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गयी हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भारी अव्यवस्थाओं के चलते लोगों को ईलाज तक नहीं मिल पाया। आक्सीजन सिलेंडर तथा अस्पतालों में बैड तक के लिए मारामारी रही। उन्होंने कहा कि परिसंपत्ति बंटवारे में उत्तराखण्ड की संपत्ति यूपी को सौंप दी गयी। वि
फलता के चलते भाजपा को तीन तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े। प्रदेश में अव्यवस्थाओं का आलम है। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। 2022 में उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जनता को देगी। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं की वापसी के सवाल पर प्रीतम सिंह ने कहा कि राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते।
पार्टी छोड़कर गए नेताओं की वापसी के संबंध में कांग्रेस हाईकमान निर्णय करेगा। प्रैसवार्ता के दौरान डा.संजय पालीवाल, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा, राजीव चौधरी, ग्रामीण कांग्रेस जिला अध्यक्ष धर्मपाल सिंह, डा.दिनेश पुण्डीर आदि मौजद रहे।