ब्यूरो
हरिद्वार, 23 अगस्त। कनखल स्थित श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम् दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया ने बताया प्रत्येक व्यक्ति को गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गौ सेवा की। जब तक श्रीकृष्ण वृंदावन में रहे तब तक उन्होंने चरण पादुका धारण नहीं की। एक बार मैया यशोदा ने कृष्ण से कहा कि कृष्ण तुम नंगे नंगे पैरों गौ चारण के लिए वन में जाते हो। तुम्हारे पैरों में कंकड़ पत्थर कांटे चुभ जायेंगे। तुम चरण पादुका पहन लो। तब कृष्ण ने मैया यशोदा से कहा कि मैया मेरी गौ माता नंगे नंगे पैरों चलती हैं।

यदि तुम मेरी गौ माता को भी चरण पादुका पहनाओ तो मैं भी चरण पादुका पहन लूंगा। मैया यशोदा और नंद बाबा के पास नौ लाख गौ माता थी। ना ही मैया यशोदा नौ लाख गौ माता को चरण पादुका पहना पाई और ना ही कन्हैया ने चरण पादुका धारण की। कृष्णा ने हमेशा गौमाता को अपना इष्ट अपना आराध्य मान कर सेवा की। हम और आप भी कृष्ण भक्त तभी कहलाएंगे जब गौ माता की सेवा करेंगे। गौ माता के भीतर तेतीश कोटि देवी देवताओं का वास माना जाता है। जिसने अपने जीवन में गौ माता की सेवा कर ली। समस्त देवी देवताओं की सेवा का पुण्य उसे प्राप्त हो जाता है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान पंडित कृष्ण कुमार शर्मा, रिचा शर्मा, पूजा शर्मा, राजेंद्र पोखरियाल, पंडित नीरज कोठारी, पंडित रमेश गोयल, पंडित उमाशंकर, पंडित बच्चीराम, ललित नारायण, कैलाश चंद्र पोखरियाल, मारुति कुमार, तुषार प्रजापति, किरण शर्मा, गणेश कोठारी आदि ने भागवत पूजन कर कथाव्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया।


