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हरिद्वार, 27 सितम्बर। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में रामनगर कॉलोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने गौ माता की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि धार्मिक ग्रंथों में लिखा है गावो विश्वस्य मातरः अर्थात गाय विश्व की माता है। गौ माता की रीढ़ की हड्डी में सूर्य नाड़ी एवं केतु नाड़ी साथ होती हैं। गौमाता जब धूप में निकलती है तो सूर्य का प्रकाश गौमाता की रीढ़ हड्डी पर पड़ने से घर्षण द्वारा केरोटिन पदार्थ बनता है। जिसे स्वर्णक्षार कहते हैं। यह पदार्थ नीचे आकर दूध में मिलकर उसे हल्का पीला बनाता है।
इसी कारण गाय का दूध हल्का पीला नजर आता है। इसे पीने से बुद्धि का तीव्र विकास होता है। जब किसी अनिवार्य कार्य से बाहर जा रहे हों और सामने गाय माता अपने बछड़े या बछिया को दूध पिलाती दिखे तो समझ जाना चाहिए कि जिस काम के लिए निकले हैं वह कार्य अब निश्चित ही पूर्ण होगा। गौ माता का जंगल से घर वापस लौटने का संध्या का समय (गोधूलि वेला) अत्यंत शुभ एवं पवित्र है। गाय का मूत्र गो औषधि है। मां शब्द की उत्पत्ति गौ मुख से हुई है। मानव समाज ने भी मां शब्द कहना गाय से सीखा है। जब गौ वंश रंभाता है तो मां शब्द गुंजायमान होता है। गौ-शाला में बैठकर किए गए यज्ञ हवन, जप-तप का फल कई गुना मिलता है।
बच्चों को नजर लग जाने पर, गौ माता की पूंछ से बच्चों को झाड़े जाने से नजर उत्तर जाती है। इसका उदाहरण ग्रंथों में भी पढ़ने को मिलता है। पूतना उद्धार में भगवान कृष्ण को नजर लग जाने पर गाय की पूंछ से ही उनकी नजर उतारी गई। गौ के गोबर से लीपने पर स्थान पवित्र होता है। गौ-मूत्र का अथर्ववेद, चरक सहिंता, राजतिपटु, बाण भट्ट, अमृत सागर, भाव सागर, सश्रुतु संहिता आदि ग्रंथों में वर्णन किया गया है। काली गाय का दूध त्रिदोष नाशक सर्वाेत्तम है। गाय का दूध एक ऐसा भोजन है। जिसमें प्रोटीन कार्बाेहाइड्रेड, दुग्ध, शर्करा, खनिज लवण वसा आदि मनुष्य शरीर के पोषक तत्व भरपूर पाए जाते है। आज भी घरों में पहली रोटी गाय के लिए राखी जाती है। कई स्थानों पर संस्थाएं गौशाला बनाकर पुनीत कार्य कर रही है, जो कि प्रशंसनीय कार्य है।
शास्त्री ने बताया दुःख इस बात का भी होता है कि लोग गाय को आवारा भटकने के लिए बाजारों में छोड़ देते है। उन्हें उनकी भूख प्यास की कोई चिंता ही नहीं होती। लोगों को चाहिए कि यदि गाय पालने का शौक है तो उनकी देखभाल भी आवश्यक है। गौ सेवा करने से ही 33 कोटी देवी देवता प्रसन्न होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति गौ माता की सेवा का संकल्प लेकर आगे बढ़े तभी मनुष्य मात्र का कल्याण संभव है। मुख्य यजमान किरण शर्मा, शिमला उपाध्याय, रश्मि गोस्वामी, किशोर गुप्ता, सोनिया गुप्ता, रिशु गोयल, डा.अनिल भट्ट, वीना धवन, शांति दर्गन, रिंकू शर्मा, महेंद्र शर्मा, रुद्राक्ष भट्ट, रिंकी भट्ट, विमला देवी भट्ट, पंडित गणेश कोठारी, रीना जोशी, मोनिका बिश्नोई, पूर्व पार्षद रेणु अरोड़ा, दीप्ति भारद्वाज, रीना जोशी, हर्ष ब्रह्म, अन्नू शर्मा, सुष त्यागी, मधु इलाहाबादी, सारिका जोशी, भावना खुराना, सुमन चौहान आदि ने भागवत पूजन किया।


