तनवीर
हरिद्वार, 14 जून। बीएचईएल के वेल्डिंग टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा परमाणु और रक्षा क्षेत्र के लिए वेल्डिंग प्रौद्योगिकी में विकास विषय पर मानव संसाधन विकास केंद्र में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इंडियन वेल्डिंग सोसाइटी नॉर्थ ज़ोन के सहयोग से आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन बीएचईएल के महाप्रबंधक एवं प्रमुख रंजन कुमार ने दीप प्रज्वलन कर किया। रंजन कुमार ने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए वेल्डिंग के कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्याओं को दूर करने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक वेल्डिंग तकनीकों को अपनाकर हम अपने उत्पादों की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
कार्यशाला में वेल्डिंग क्षेत्र से संबंधित लगभग 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने भारत में परमाणु ऊर्जा का उभरता परिदृश्य, एनपीसीएल परियोजना के 700 मेगावाट स्टीम टरबाईन हेतु वेल्डिंग प्रौद्योगिकी चुनौतियां, ब्रौंज कास्टिंग हेतु वेल्डिंग चुनौतियां, एलॉय धातुओं की वैल्डेबिलिटी, स्टीम कास्टिंग की हाई टेम्परेचर एक्सोथर्मिक कटिंग आदि विषयों पर व्याख्यान दिए।
इस अवसर पर महाप्रबधंक (एफबीएम एंड डब्ल्यूटी) ए.के. शर्मा, अपर महाप्रबन्धक (वेल्डिंग टेक्नोलॉजी) बी.एस. अरोडा, अपर महाप्रबन्धक (एफबीएम) कुलदीप कौशिक, जनरल इंडिया एनर्जी फोरम के सचिव एस.एम. महाजन एवं फैब्रिकेशन विभाग तथा एचआरडीसी के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।


