तनवीर
हरिद्वार, 20 जून। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पंड्या ने इटली की राजधानी रोम में आयोजित सेकण्ड पार्लियामेंटरी कॉन्फ्रेन्स ऑन इंटरफेथ डायलॉग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र भारतीय थे। इस वैश्विक सम्मेलन का आयोजन इटैलियन पार्लियामेंट, इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन तथा रिलिजन्स फॉर पीस के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसमें 120 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों, सांसदों, मंत्रियों एवं धार्मिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
भविष्य के लिए विश्वास को सशक्त बनाना एवं आशा को अपनाना विषय पर आयोजित सम्मेलन मे हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने के लिए डा.चिन्मय पण्ड्या को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय संस्कृति की शाश्वत शिक्षाओं को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करते हुए शिक्षा के माध्यम से शांति की आवश्यकता पर जोर दिया। देसंविवि के प्रतिकुलपति डा.पंड्या ने बताया कि भारतीय परंपरा में शिक्षा का उद्देश्य केवल सूचना प्राप्त करना नहीं, बल्कि ईमानदारी, समझदारी, जिम्मेदारी, करुणा और आत्मिक गरिमा का विकास करना है।
उन्होंने युगऋषि पूज्य पं..श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के विचारों और उनके मानवता पर केंद्रित दृष्टिकोण को विस्तार से अवगत कराया। सम्मेलन में डा.पंड्या ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्वपटल पर गरिमा के साथ प्रस्तुत किया और वैश्विक शांति, समन्वय एवं संवाद के लिए हिंदू दृष्टिकोण को सशक्त रूप में सामने रखा। उन्होंने अतिथियों को पं.श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित विभिन्न समस्याओं के समाधान पर आधारित युग साहित्य भी भेंट किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन में योग विशेषज्ञ डा.चिन्मय पण्ड्या इटली में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग प्रशिक्षुओं सहित गणमान्यों को योगाभ्यास भी करायेंगे।


