स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल चिकित्सालय में किया रक्तदान शिविर का आयोजन

Haridwar News
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शमशेर बहादुर बम


जीवन बचाने के लिए हर पल रक्त की आवश्यकता होती है-डा.संजय शाह
हरिद्वार, 12 मई। रविवार को स्वामी विवेकानंद हैल्थ मिशन सोसायटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हॉस्पिटल में मां गंगे ब्लड बैंक द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान का उद्घाटन चिकित्सालय के मेडिकल डायरेक्टर डा.संजय शाह ने किया। इस दौरान डा.संजय शाह ने कहा कि जनहित में रक्तदान एक सराहनीय प्रयास है। किसी जरूरतमंद का जीवन बचाने से बड़ा कोई और पुण्य का कार्य नहीं हो सकता है। इसलिये रक्तदान महादान है। रक्तदान करने के बाद स्वंय को गर्व महसूस होता है।

डा.शाह ने कहा कि रक्तदान एक आलौकिक अनुभव है एवं जीवन बचाने के लिए हर पल रक्त की आवश्यकता होती रहती है। एक व्यस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट रक्त होता है, जिसमें से व्यक्ति एक यूनिट (350 मिली) रक्तदान कर सकता है। लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से व्यक्ति रक्तदान करने से डरता है या हिचकिचाता है।
चिकित्सालय की महाप्रबंधक सुश्री निधि धीमान ने कहा कि रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने की अति आवश्यकता है। ब्लड बैंको में सीमित मात्र में ही रक्त होता है। इसलिए हमें रक्तदान शिविर आयोजित कर सामूहिक रूप से रक्तदान करना चाहिये। उन्होंने कहा कि रक्तदान को लेकर समाज में तरह-तरह की भ्रांतिया फैलाई जाती हैं। जबकि असल बात यह है कि रक्तदान करने के बाद रक्तदाता को खुशी की जो अनुभूति होती है उसे बयां नहीं किया जा सकता।
मां गंगे ब्लड बैंक के डायरेक्टर संदीप गोस्वामी ने शिविर में रक्तदान करने पहुंचे लोगों की प्रशंसा करते हुये कहा कि आज भी देश में बड़ी संख्या में रक्त की कमी से मौतें होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ो के अनुसार केवल दो प्रतिशत और अधिक रक्तदाताओं का रक्तदान के लिए आगे आना कई लोगों की जान बचा सकता है। एक व्यस्क व्यक्ति साल में कम से कम चार बार रक्तदान कर सकता है। एक नियमित रक्तदाता तीन महीने बाद फिर से रक्तदान कर सकता है।
गोर्खाली सुधार सभा के शाखा अध्यक्ष शमशेर बहादुर बम ने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में पहुंचे युवाओं की हौसला आफजाई करते हुये कहा कि युवाओं का यह प्रयास सराहनीय व प्रेरणादायक है। इस तरह के शिविर आयोजित कर हम ब्लड की कमी को पूरा कर सकते हैं और जरूरतमंद की सहायता कर उसकी जान बचाने का पुण्य व परोपकारी कार्य कर सकते हैं। समाज में यदि कोई सेवा है तो वह मानव सेवा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित को समय पर रक्त मिलने से उसे एक नया जीवन मिलता है।

रक्तदान शिविर में भागीदारी व सहयोग करने वालो में डा.संजय शाह, डा.ज्योति, डा.मयंक अग्रवाल, निधि धीमान, पदम सिंह गुरूंग, आलोक, कुसुमलता, रमेश कुमार, राहुल कुमार, सौरभ, मोनिका, किशन थापा, सुमित, भद्रेश, ललित ममगाई, अंशू यादव, रितेश, रितिक चौधरी, आकाश गुप्ता, रश्मि अरोड़ा, आकाश, सुनीता, कुमारी शर्मा, मनीष शर्मा, रोहित, आशुतोष तिवारी, हीरा लाल, सोहिल थापा, मनीष थापा, मुकेश, योगेश कुमार, अमृता चौहान, हरिकिशन, शंकर पाण्डेय, अल्पना, संगम और शमशेर बहादुर बम शामिल रहे।

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