अमरीश
हरिद्वार, 25 जून। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था पूरी तरह धार्मिक पर्यटन पर आधारित है। देश दुनिया से लाखों लोग चारधाम यात्रा पर उत्तराखण्ड आते हैं। जिससे प्रदेश में व्यापार को गति मिलती है। सरकार को भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है। लेकिन लगातार दो वर्ष से चारधाम यात्रा स्थगित होने से व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यात्रा व्यवसाय से जुड़ होटल, ट्रैवल कारोबारी, टैक्सी चालक गहरे आर्थिक संकट में हैं।
लोगों को घर का खर्च चलाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मठ, मंदिर, अखाड़े आदि भी श्रद्धालु यात्रीयों से मिलने वाले दान पर निर्भर हैं। लेकिन कड़े प्रतिबंधों के चलते यात्रीयों के नहीं आने से मठ, मंदिर, अखाड़े भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि सरकार को चारधाम यात्रा को लेकर स्थिति करनी चाहिए। प्रदेश के नागरिकों के हित को देखते हुए कोविड नियमों का पालन कराते हुए चारधाम यात्रा शुरू करनी चाहिए। कोरोना के चलते पिछले वर्ष से ही आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप्प हैं। व्यापारी मंदी का सामना कर रहे हैं।
व्यापारियों व आम लोगों के लिए घर के दैनिक खर्चे चलाना भी मुश्किल हो रहा है। इसलिए सरकार को कोविड नियमों का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा पर आने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। जिससे व्यापार चलेगा और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।