तनवीर
खंडित मूर्तियों को गंगा से बाहर निकाल कर किया एकत्रित
हरिद्वार, 14 मई। श्री गंगा सभा के ’गंगा सेवक दल’ द्वारा चलाए जा रहे ’साप्ताहिक गंगा घाट स्वच्छता अभियान’ के तहत रविवार को चमगादड़ टापू, पंतदीप क्षेत्र के गंगा घाटों पर विसर्जित की गई तथा गंगा में जगह-जगह फैली खंडित मूर्तियों को बाहर निकालकर एक स्थान पर एकत्र किया गया। साथ ही घाटों की सफाई भी की गयी। गंगा सेवक दल के सचिव उज्जवल पंडित ने बताया कि लोगों द्वारा मंदिरों एवं घरों में खंडित हुई मूर्तियों को गंगा घाटों पर छोड़ दिया जाता है।
कुछ लोग खंडित मूर्तियों को सजाकर श्रद्धालुओं को गुमराह करते हैं और धनार्जन करते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि खंडित मूर्तियों और मृत परिजनों के वस्त्र इत्यादि सामग्री को गंगा में प्रवाहित ना करें। खंडित मूर्तियों के निस्तारण के लिए सनातन धर्म के अच्छे ज्ञाताओं से सलाह कर इन्हें पूरी तरह हटा दिया जाएगा। उज्जवल पंडित ने कहा कि गंगा को कलयुग में प्रधान तीर्थ कहा गया है। गंगा प्रत्यक्ष देवी स्वरूपा है।
सनातन परंपरा के सभी 16 संस्कारों में गंगा जल का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में सभी को गंगा को निर्मल व अविरल रखने में सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर पार्षद अनूज सिंह, दीपांकर चक्रपाणि, शिवांकर चक्रपाणि, वैभव भक्त, देवराज, शंकर शर्मा, पराग मिश्रा, वासु शर्मा, एकलव्य पंडित, भव्य पंडित, अध्यात्म पंडित, संभव झा आदि शामिल रहे।