तनवीर
हरिद्वार, 21 जुलाई। निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित गुरू पूर्णिमा समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गुरू ज्ञान के प्रदाता हैं। गुरू पूर्णिमा गुरू के पद्चिन्हों पर चलने और ज्ञान, श्रद्धा और सद्बुद्धि को आत्मसात करने का संदेश देती है। गुरू ही शिष्य को अन्धकार से प्रकाश की और, असत्य से सत्य की ओर ले जाते हैं। गुरू दिव्य ज्ञान और दिव्य प्रकाश का अनन्त स्रोत है। गुरू ही शिष्य के जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण करते हैं। गुरू के प्रति समर्पण रखने वाले शिष्य का जीवन जीवन सदैव उन्नति की और अग्रसर रहता है। उन्होंने कहा कि सभी को अपने गुरूजनों और माता पिता का सदैव सम्मान करना चाहिए। गुरू और माता पिता का सम्मान करने वाले व्यक्ति के जीवन सभी प्रकार से परिपूर्ण रहता है।