तनवीर
हरिद्वार, 9 नवम्बर। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ की रजत जयंती के अवसर पर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति ने प्रेम नगर घाट पर राज्य आंदोलन के वीर शहीदों को नमन किया और गंगा का दुग्धाभिषेक व दीपदान तथा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही आतिशबाजी और मिष्ठान वितरित कर राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी।
इसके उपरांत सभी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारीयों और मातृशक्ति को माल्यार्पण और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया और राज्य आंदोलन के वक्त उनके साथ बिताए हुए संघर्षपूर्ण लम्हों को याद किया। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी राजेश बिंजोला ने कहा कि चंद राजनीतिज्ञों ने क्षेत्रवाद को हवा देते हुए उत्तराखंड में वैमनस्यता का जहर फैलाने की कोशिश शुरू कर दी है, जोकि निंदनीय व शर्मनाक है। जयप्रकाश मालकोटी ने राज्य आंदोलनकारी पेंशनवृद्धि को अपर्याप्त बताया और कहा कि सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारीयों के लिए की जा रही घोषणाएं मात्र एक छलावा है।
समिति के जिला अध्यक्ष सूर्यकांत भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारीयों के लंबे संघर्ष का सफल परिणाम है। लेकिन 25 वर्ष बाद भी उत्तराखंड की स्थाई राजधानी और गैरसैंण को लेकर स्थिति अस्पष्ट है, जोकि बहुत ही निंदनीय और दुखद विषय है। गैरसैंण की पहाड़ियां और राज्य आंदोलन के शहीदों की आत्माएं आज भी आंसू बहा रही हैं।
इस दौरान राजेश गुप्ता, राजेश शर्मा बिंजोला, आरपी ममगाई, साधना नवानी, बसंती पटवाल, कमला ढोंडियाल, आनंदी नेगी, राधा बिष्ट, कमला पाण्डेय, विजय भंडारी, रविंद्र भट्ट, चंद्रबल्लभ डंड्रियाल, आनंद सिंह नेगी, जयप्रकाश मालकोटी, भीमसेन रावत, सूर्यकांत भटट, विनोद डंड्रियाल, नत्थीलाल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।


