जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का निधन

Haridwar News
Spread the love

गोपाल रावत


हरिद्वार, 20 अगस्त। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। जिससे जूना अखाड़े सहित समस्त संत समाज व अखाडों में शोक की लहर है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज के निर्देश पर अखाड़े द्वारा तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। जूना अखाड़े की पूरे प्रदेश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों में पायलट बाबा की आत्मा की शांति के लिए शोक सभा व शांति पाठ का आयोजन किया जाएगा। श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने पायलट बाबा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पायलट बाबा एक सच्चे योगी थे तथा समाज और देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।

सन्यासी बनने से पूर्व पायलट बाबा भारतीय वायु सेना में पायलट के रूप में कार्यरत थे। 1974 में विधिवत दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में शामिल हुए और अपनी सन्यास यात्रा प्रारंभ की। वायुसेना में विंग कमांडर रहते हुए उन्होंने 1962, 1965, 1971 के युद्ध में भाग लिया था। उन्होंने कहा पायलट बाबा जूना अखाड़े के विभिन्न पदों पर रहते हुए अखाड़े की उन्नति, प्रगति और विकास के लिए हमेशा कार्यरत रहे। 1998 में महामंडलेश्वर पद पर आसीन होने के बाद उन्हें 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर पद पर अभिषिक्त किया गया।

श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने कहा कि पायलट बाबा की अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें उत्तराखंड की पावन भूमि में समाधि दी जाएगी। जूना अखाड़े के समस्त पदाधिकारी और वरिष्ठ संत, महामंडलेश्वर उनको समाधि देने के लिए पहुंचेंगे। पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अखाड़े में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत पूर्ण गिरी, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती, कोठारी महंत महाकाल गिरी, महंत रतन गिरी, महंत हीरा भारती, महंत गौतम गिरि, महंत आकाश पुरी, महंत धीरेंद्र पुरी आदि ने श्रद्धांजलि दी तथा भैरव अखाड़ा घाट पर मां गंगा में श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *