तनवीर
हरिद्वार, 28 सितम्बर। वर्ल्ड हार्ट डे पर स्वामी रामप्रकाश चौरिटेबल अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर और एसोसिएशन ऑफ फिजीशियंस ऑफ इंडिया उत्तराखंड चैप्टर के अध्यक्ष डा.संजय शाह ने कहा कि हृदय रोग से बचाव और इसकी चिकित्सा के लिये जीवनशैली मे सुधार अति आवश्यक है। इसके लिये योग सबसे बेहतर माध्यम है। योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा का विज्ञान है। अनुलोम-विलोम से रक्तचाप संतुलित होता है। कपालभाति से फेफड़े शुद्ध होते हैं और रक्त में ऑक्सीजन बढ़ती है। ध्यान करने से पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है, जो हृदय को शांति और स्थिरता देता है। सुबह सूर्य उदय के साथ उठना, नंगे पैर हरी घास पर चलना, सूर्य की हल्की धूप लेना, समय पर भोजन और पर्याप्त नींद लेना आदि उपायों को अपनाकर हृदय रोग से बचाव किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हृदय रोगों का मुख्य कारण है उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल की अधिकता। कोलेस्ट्रोल के अणुओं का आकार भी दिल के रोगों की संभावना बढ़ाता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि हम भोजन में वसा की मात्र को सीमित करें, तला-भुना और चिकनाई वाले खाने से वजन तो बढ़ता ही है साथ ही यह चिकनाई खून की धमनियों में जम जाती है। जिससे खून का दौरा धीरे-धीरे कम होता जाता है। काली चाय को भी दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।