महंत प्रणवानंद बने ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज के उत्तराधिकारी

Haridwar News
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ब्यूरो


विश्नोई समाज के संतों व गणमान्य लोगों ने चादर विधि कर एवं पगड़ी पहनाकर घोषित किया उत्तराधिकारी
गुरूदेव के विचार और आदर्श सदैव समाज का मार्गदर्शन करते रहेंगे-महंत प्रणवानंद

हरिद्वार, 19 अगस्त। श्री विश्नोई आश्रम भीमगोड़ा के ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज को विश्नोई संत समाज एवं विभिन्न राज्यों से आए विश्नोई समाज के गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज के शिष्य महंत प्रणवानंद महाराज को चादर विधि कर एवं पगड़ी पहनाकर उत्तराधिकारी घोषित किया। श्रद्धांजलि सभा का संचालन आचार्य डा.सचिदानंद महाराज ने किया।


नवनियुक्त उत्तराधिकारी प्रणवानंद महाराज ने कहा कि आज भले ही पूूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानंद महाराज स्थूल रूप से संसार में उपस्थित नहीं है। लेकिन उनके विचार और आदर्श सदैव समाज का मार्गदर्शन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सभी शिष्य एक साथ मिलकर पूज्य गुरुदेव द्वारा देशभर में स्थापित गौ सेवा के प्रकल्पों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। समाज को एकजुट कर गुरुदेव के सभी कार्यों को गति प्रदान करेंगे। महंत प्रणवानंद महाराज ने कहा कि गुरुदेव के बताए मार्ग पर चलकर समाज को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। यही हम सभी शिष्यों की गुरुदेव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आचार्य भगवानदास जांबा ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज ने समाज ओर सनातन धर्म संस्कृति को संरक्षित संवर्धित करने में अहम भूमिका निभाई और विश्नोई समाज को धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर किया। आचार्य कृष्णानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज का समूचा जीवन गौ, गंगा, गीता और भगवान जम्भेश्वर को समर्पित था। उन्होंने देश भर में गौशालाओं का निर्माण कराकर विधिवत संचालन किया। आचार्य डा.सचिदानंद ने कहा कि आमजन में समाज के प्रति समर्पण की भावना जागृत करने वाले ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज का त्यागमयी जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा। पूर्व सांसद जसवंत सिंह एवं मलखान सिंह ने कहा कि जीवन पर्यन्त समाज का मार्गदर्शन करने वाले ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज त्याग, तपस्या, सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति तथा कर्तव्यनिष्ठ संत थे। उनके असमय ब्रह्मलीन होने से समाज को भारी क्षति हुई है। धर्मेन्द्र विश्नोई ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानंद महाराज समस्त समाज के प्रेरणास्रोत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर स्वामी जयानंद, राघवानंद, रमतानन्द, प्रभुतानंद, नरेशानंद, मनमोहन दास, आचार्य विश्वात्मानंद, गोविंदशरणानंद, सर्वानन्द, जगदेवानंद, विश्वंभरानन्द, गजानंद, मुक्तेश्वरानंद, सागरानंद, सतानन्द, पौत्र शिष्य आचार्य अमृतानंद, ओंकारानंद, ब्रज देवानंद, महंत प्रेमदास महाराज जांभा, महंत भगवानदास जांभा, महंत रामाकृष्ण समराथल, महंत छगनप्रकाश, महंत शिवदास, महंत कृष्णानंद आचार्य, महंत मनोहरदास शास्त्री, महंत भक्ति स्वरूप पिपासर, महंत नरसिंह दास, महंत इंद्रदास, स्वामी भगवान प्रकाश, सत्यप्रकाश, लक्ष्मणनन्द, चेतन प्रकाश मुकाम, राजेन्द्रानंद राजू महाराज,कृष्णानंद नेमावर, सुखदेव मुनि, रामशरणानंद, आचार्य सालासर, रामशरणानंद मेंहराणा, शिवानंद, केशवानंद, सूर्य प्रकाशानंद, श्रवणदास आचार्य, स्वामी प्रेमदास समराथल, विष्णुदास, महेशानंद, अशोकानन्द, सुरजन दास, आत्मदेव, राजन प्रकाश, सुमंत ऋषि, मोहन दास, विवेकानंद, रामेश्वरानंद, रविदास, अखिलेश मुनि, जसराम दास, धर्मानन्द, राजेश्वरा नंद, ऋषिघानंद, रमतानंद, योगानन्द, जयरामदास, सत्यनारायण, श्रेष्ठ प्रकाश, रामाचार्य सोहनदास, सुबोधानंद, प्रवेशानंद, बलदेवानंद, भानु प्रकाश, अनुपम दास, निर्मल दास, कृष्ण दास, गोपाल दास, आचार्य डा.सुदेवानंद महाराज, धर्मेंद्र विश्नोई, एडवोकेट दीपक कुमार विश्नोई, शुभम् चौधरी, प्रदीप बेनीवाल, संजय बांगड़वा, भानु प्रताप, पवन, प्रमोद गिरि, अश्वनी विश्नोई, जयसिंह, राजन विश्नोई, धर्मपाल विश्नोई, अनुराग थापन, अंकित विश्नोई, कुंवर भूपेंद्र सिंह, बिहारी लाल, दिग्विजय चौटाला, कुलदीप विश्नोई, पप्पूराम, बीरबल शह, गोपाराम, डा.सुरेन्द्र विश्नोई, कर्मवीर विश्नोई, विनीत विश्नोई सहित सैकड़ों संतों महंतो एवं श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन महंत स्वामी राजेंद्रानन्द महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ओर नवनियुक्त उत्तराखिकारी महंत प्रणवानंद महाराज को चादर विधि कर आशीर्वाद व शुभकामनाएं दी।

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