कण-कण में वास करने वाले शिव के साथ सारी विषमता हैं-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

Haridwar News
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ब्यूरो


हरिद्वार, 21 मई। दरिद्र भंजन महादेव मंदिर कनखल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि कण-कण में वास करने वाले शिव के साथ सारी विषमता हैं। वे औघड़ हैं, आशुतोष हैं, देवों के देव महादेव हैं, रुद्र हैं, गृहस्थ हैं, महायोगी हैं, त्यागी और तपस्वी हैं, पिता है, गुरु हैं, मृत्यु हैं, जीवन हैं। शिव ज्ञान का सागर हैं, शिव ही रामायण के प्रणेता हैं, संगीत के स्वर हैं, ध्यान के उत्स हैं। शिव में ही नृत्य वास करता है, शिव प्रेमी हैं, ऋषियों के गुरु हैं, देवताओं के रक्षक हैं, असुरों के संहारक हैं और मानवों के आदर्श हैं। सनातनी होने का अर्थ है शिव को जानना।

शिव को जाने बिना इस लोक को जानना असंभव है। शिव की आराधना से मोक्ष मिलता है। शिव प्रत्येक व्यक्ति के अंदर बैठे हैं। मन और बुद्धि से आत्मा की यात्रा ही शिव है। खुद को स्वच्छ और शुद्ध करना शिवत्व है। शास्त्री ने बताया कि भैरव तंत्र में 112 सवालों का विशद वर्णन है। इन सवालों के जवाब योगी शिव ने माता पार्वती को दिए। जिनसे व्यक्ति सत्य का साक्षात्कार करता है। इसके बाद भी माता को शांति नहीं मिलती है, तो माता पार्वती फिर पूछती हैं- हे प्रभु कोई ऐसी कथा सुनाएं, जो हरेक प्रकार के कष्ट में सांत्वना दे सके। शिव ने राम-सीता की कथा रामायण माता पार्वती को श्रवण कराई। इस कथा को जिज्ञासु कौए काक भुसुण्डी सुन लेते हैं और जगत में विचरण करने वाले नारद मुनि को सुनाते हैं।

नारद मुनि इसे वाल्मीकि को सुनाते हैं। वाल्मीकि इसे लिपिबद्ध कर लव-कुश को कंठस्थ कराते हैं। फिर लव-कुश के माध्यम से यह कथा आमजन तक पहुंचती है। शिव वर्तमान हैं, उनको पाने के लिए बस स्वयं को पलटना है। शरीर के बदले मन एवं बुद्धि को उघाड़ना है। जिसे शिव मिलेंगे समझो उसे सबकुछ मिल गया। दरिद्र भंजन महादेव के रूप में शिव कनखल में विराजमान हैं।

मुख्य यजमान रीतेश गुप्ता, मुकेश गुप्ता, योगेश गुप्ता, गणेश गुप्ता, डीके गुप्ता, मुख्य पुजारी पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री, पंडित राजेंद्र प्रसाद, पंडित कैलाशचंद्र पोखरियाल, पंडित नीरज कोठरी, पंडित रमेश गोनियाल, आशु गुप्ता, देव गुप्ता, अर्जुन गुप्ता, करण गुप्ता, सुभाषचंद्र गुप्ता, हरिप्रसाद गुप्ता, सुनील अग्रवाल, सतीश अग्रवाल, अमित गुप्ता, नीरज शर्मा, विमल गुप्ता, अमलेश गुप्ता, प्रवेश गुप्ता, टीटू गुप्ता, मिंटू गुप्ता, गिरीश चंद्र गुप्ता, बॉबी गुप्ता, महेशचंद गुप्ता, देवेन्द्र गुप्ता, तारा देवी गुप्ता, निर्मल गुप्ता, रेनू गुप्ता, मोनिका गुप्ता, भावना गुप्ता, गीता अग्रवाल, गुड़िया गुप्ता, रजनी अग्रवाल आदि ने भागवत पूजन किया।

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