तनवीर
हरिद्वार, 9 नवम्बर। वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर केरल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी वरिष्ठ नागरिक आयोग का गठन करने की मांग की है। संगठन की और से जारी प्रैस बयान में वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन के अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने कहा कि राज्य के लाखों वरिष्ठ नागरिकों ने राज्य आंदोलन में योगदान किया। राज्य गठन के उपरांत सरकारों के निर्वाचन में भी वरिष्ठ नागरिक अहम योगदान देते हैं। लेकिन राज्य गठन की रजत जयंती के अवसर पर सरकार वृद्धजनों को भूल गई।
चौधरी चरण सिंह ने सरकार से केरल की तर्ज पर वरिष्ठ नागरिक आयोग गठन की मांग करते हुए कहा कि आयोग का गठन होने से वृद्धजनों की समस्याओं का निराकरण तेजी से होगा। साथ ही उन्हें सहज और सुलभ न्याय मिल सकेगा। चौधरी चरण सिंह ने कहा कि संगठन लंबे समय से निराश्रित और असहाय वृद्ध जनों के लिए सलेमपुर में प्रस्तावित वृद्ध आश्रम को आधुनिक आश्रम के रूप में निर्माण करने की मांग कर रहा है। लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
ताराचंद धीमान और विद्यासागर गुप्ता ने कहा कि 2007 के अधिनियम के अंतर्गत सरकार ने उत्पीड़न शोषण और अधिकार हनन पर कानूनी सहायता देने का आश्वासन दिया है। लेकिन वास्तव मे पूरी तरह से क़ानूनी सहायता नही मिल पाने पर वरिष्ठ नागरिक न्यायालयो के चक्कर काटने के मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रजत जयंती के अवसर पर सरकार ने राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों की पेंशन में 1000 से 10000 तक की बढोतरी की है। जिसका संगठन स्वागत करता है। सरकार को वृद्धा, विधवा और विकलांग भरण पोषण पेंशन में भी बढ़ोतरी करनी चाहिए। उन्होंने जल मूल्य में कमी करने की मांग भी की। चौधरी चरण सिंह, ताराचंद धीमान, विद्यासागर गुप्ता, बाबूलाल सुमन, हरदयाल अरोड़ा, एससीएस भास्कर, श्याम सिंह, शिवकुमार शर्मा, प्रेमकुमार भारद्वाज, सुभाष ग्रोवर, शिवचरण, रामसागर सिंह आदि ने वरिष्ठ नागरिक आयोग गठित करने की मांग की।


