प्रमोद गिरि
हरिद्वार, 8 मई। श्यामपुर कांगड़ी स्थित बाबा वीरभद्र सेवाश्रम न्यास आश्रम पहुंचे जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज का महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि महाराज के सानिध्य में भव्य स्वागत किया। इस मौके पर जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि महाराज अहम भूमिका निभा रहे हैं, वे सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए उत्तराखंड से लेकर देश के अन्य प्रांतों में जाकर अलख जगा रहे हैं और लोगों को सनातन धर्म व हिंदू संस्कृति की ओर प्रेरित और जाग्रत करने का कार्य कर रहे हैं।
श्रीमहंत प्रेम गिरि महराज ने कहा कि भारत साधु-संतों की तपस्थली है। समय-समय पर सन्त महात्मा अवतरित होकर श्रद्धालु भक्तों का संरक्षण व संवर्धन करते हैं। उन्होंने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी गर्व महाराज युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने मे लगे हैं और धार्मिक आयोजन कर भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि महाराज ने कहा कि संतो के आगमन से मनुष्य के जीवन की उन्नति के मार्ग प्रशस्त हो जाते है और जीवन में सुख शांति समृद्धि स्थापित होती हैं।
उन्होंने कहा कि वे आज धन्य हो गए उनके आश्रम में जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज आशीर्वाद देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए संतो महंतो का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए और अपने मूल को पहचानना चाहिए और युवा पीढ़ी को पश्चिमी सभ्यता से बचाने के लिए शिक्षा के साथ संस्कार भी देने होगे। देश की सनातन संस्कृति को बचाने के लिए हमे एक साथ कार्य करने होगे।


